‘अगर पुलिस ने बैरिकेड नहीं लगाया होता तो मेरी पत्नी आज जिंदा होती…’ आपबीती बताते हुए रो पड़े लखनऊ के त्रिभुवन – Mahakumbh stampede survivor Tribhuvan Pandey lost his wife breaks out while explaining horrific episode ntc
Mahakumbh News: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बाद मची भगदड़ ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं. अभी भी मेले में कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें उनके परिजनों की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. महाकुंभ में मची भगदड़ में जान गंवाने वालों में मंजू पांडे भी एक थीं जो किसी भी तरह से मौनी अमावस्या का स्नान कर लेना चाहती थीं.
मंजू पांडे के पति त्रिभुवन पांडे ने आज तक से बातचीत करते हुए कहा, ‘मेरी पत्नी मंजू पांडे का बहुत मन था मौनी अमावस्या वाले दिन स्नान लेने का…उसने मुझसे कहा था कि यह मौका 144 साल में एक बार आ रहा है, दोबारा नहीं आएगा, इसे खोना नहीं चाहती. मैं उन्हें मना नहीं कर पाया और साथ ले गया. पहल सब कुछ ठीक था लेकिन जैसे ही लेटे हुए हनुमान जी के पास पहुंचे पुलिस ने एकदम से बैरिकेड बंद कर दिया. भीड़ ने इसका विरोध किया लेकिन पुलिस नहीं मानी.’
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मुझे कुचलते हुए भी निकले थे लोग
त्रिभुवन पांडे आपबीती बताते हुए रो पड़े. उन्होंने कहा कि इसके बाद संगम में जाने के चक्कर में भगदड़ मच गई. सब एक दूसरे पर सवार होकर निकलते गए पुलिस ने लेकिन बैरिकेड नहीं खोला. वह बताते हैं, ‘मेरे ऊपर भी कई लोग चलते हुए चले गए, मेरे सिर पर कंधे पर, पैर पर काफी चोटे आईं, मै वहीं बेहोश हो गया. जब आंख खुली तो मेरे इर्द गिर्द कई लोग खड़े थे, मैने अपनी पत्नी तो ढूंढना चाहा लेकिन वह नहीं मिलीं.’
पुलिस को ठहराया जिम्मेदार
लखनऊ के रहने वाले त्रिभुवन पांडे एचएएल से सेवानिवृत्त हैं. पांडे बताते हैं कि कि भगदड़ के बाद मैं पत्नी को खोजने के लिए भटकता रहा लेकिन वह नहीं मिली. शाम तक मेरे परिवार ने मुझे सांत्वना देने के लिए कहा कि मेरी पत्नी पीजीआई में एडमिट हैं आप आ जाइए, जब मैं गाड़ी से आधे रास्ते आया तब मुझे बताया कि वह अब जीवित नहीं हैं, भगदड़ में मौत हो गई है.
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त्रिभुवन कहते हैं कि अगर पुलिस ने बैरिकेड नहीं लगाया होता तो मेरी पत्नी आज जिंदा होती. वह जाते-जाते मुझे कहती जा रही थीं कि हम बहुत भाग्यशाली हैं जो यहां तक आ पाए हैं.