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‘अपने बाप का नाम भी बदल लो…’, औरंगजेब की कब्र का नाम बदलने की मांग उठी तो AIMIM ने किया पलटवार – When Shiv Sena minister Eknath Shinde group raised demand change name of Aurangzeb tomb AIMIM retaliated ntc


महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर विवाद थमा नहीं है. महाराष्ट्र सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने मांग उठाई है कि जहां औरंगजेब की कब्र (खुलताबाद) है, उसका नाम बदला जाए. इस पर AIMIM ने पलटवार किया और विवादित बयान दिया है. AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने कहा, अब बचा क्या है? अपने बाप का नाम भी बदल लेना चाहिए.

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, जहां औरंगजेब की कब्र है, उस खुलताबाद का नाम बदलकर रत्नपुर किया जाए. औरंगजेब ने हमारे इलाकों के नाम बदल दिए थे. औरंगजेब की कब्र खुलताबाद में है लेकिन अंग्रेजों के जमाने से उसे रत्नपुर नाम से जाना जाता था. कुछ लोगों को औरंगजेब पर प्यार आ रहा है. लेकिन हमें भी हमारी संस्कृति को बचाना होगा. हम औरंगजेब की प्रॉपर्टी नहीं छीन रहे. हम अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.

शिवसेना नेता ने क्या कहा…

शिरसाट ने कहा, इसी तरह, दौलताबाद नहीं है, उसका नाम देवगिरी है. वहां राजा राम देव राय ने राज किया है. वो उनकी विरासत है. वो भी चेंज होना चाहिए. हम कोई नई मांग नहीं उठा रहे. औरंगजेब ने कब्जा करने के बाद नाम बदले हैं. हम अब सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. हम मुख्यमंत्री के सामने ये प्रस्ताव हम देने जा रहे हैं. विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे.

AIMIM नेता ने क्या-क्या कहा…

AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा, आप शहरों के, इमरतो के, रास्तों के नाम बदल रहे हैं. अब ये नाम बदलने ला सिलसिला शुरू ही हुआ है तो आप आपके बाप का नाम भी बदल ही दीजिए. अब बचा क्या है? कह दीजिए कि हमें ये नाम पसंद नहीं आता था, इसलिए अब ये नाम कर दिया. यहां के शहरों के नाम बदल रहे हैं, लेकिन गुजरात के अहमदाबाद में आपका बाप बैठा है क्या?

उन्होंने कहा, हिम्मत है तो जाइए गुजरात और अहमदाबाद का नाम क्यों नहीं चेंज कर रहे हैं. बोलिए मोदी-शाह को. बोलिए कि गुजरात के अंदर क्या अहमद भाई अच्छे लगते हैं क्या. यहां आपको अहमदनगर पसंद नहीं आते हैं. जिन लोगो की सोच घटिया होती है, वही इस तरह से घटिया राजनीति करते हैं. 

जलील ने आगे कहा, जब आप अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं तो ये क्राइटेरिया होना चाहिए. पढ़े-लिखे लोग होने चाहिए. पढ़ा लिखा इंसान अपने शहर के विकास पर बात करेगा. नवाचार पर बात कर सकता है. लेकिन कुछ घटिया लोगों की सोच ऐसी होती है कि वो घटिया बात ही करते रहते हैं. हमारे शहर और जिले में भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो सत्ता में बैठे हैं और उनकी घटिया सोच है. घटिया मुद्दे और राजनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं. दुनिया कहां जा रही है और ये वहीं के वहीं बैठे हैं. 



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