आर्थिक सलाहकार, फिर वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री तक… ऐसा रहा मनमोहन सिंह का सियासी सफर – Manmohan Singh passes away From economic advisor finance minister to prime minister this was political journey ntc
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया. 92 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली. उन्हें गुरुवार शाम को अचानक बेहोशी के बाद दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. एम्स ने एक बयान में कहा कि मनमोहन सिंह 26 दिसंबर को घर पर अचानक बेहोश हो गए थे, उन्हें रात 8.06 बजे एम्स (नई दिल्ली) के मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया. तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9.51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
उन्होंने अर्थव्यवस्था को उदार बनाने वाले कई क्रांतिकारी सुधारों की नींव रखी थी. नौकरशाही और राजनीति में उनका 5 दशक का लंबा करियर रहा था.
– 1954: पंजाब विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की उपाधि प्राप्त की
– 1957: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आर्थिक ट्राइपोस (3 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम)
– 1962: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल
– 1971: वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए
– 1972: वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए
– 1980-1982: योजना आयोग के सदस्य
– 1982-1985: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे
– 1985-1987: योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया
– 1987-1990: जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव
– 1990: आर्थिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार नियुक्त हुए
– मार्च 1991: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष नियुक्त हुए
– 1991: असम से पहली बार राज्यसभा सदस्य बने
– 1991-1996: पीवी नरसिम्हा राव सरकार के तहत वित्त मंत्री
– 1998-2004: राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे
– 2004-2014: भारत के प्रधानमंत्री रहे
भारतीय अर्थव्यवस्था के आधुनिक वास्तुकार थे मनमोहन सिंह
डॉ. मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था का आधुनिक वास्तुकार माना जाता है, उन्होंने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम शुरू किए थे. इतना ही नहीं, आर्थिक संकट (2008) के दौरान भारत को मंदी से बचाने के लिए मजबूत नीतिगत हस्तक्षेप किया.