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किसानों और केंद्र सरकार की पहली मीटिंग रही पॉजिटिव, 22 फरवरी को अगली बैठक में शामिल होंगे कृषि मंत्री शिवराज चौहान – Farmer Centre Meeting In Chandigarh Next Meeting On 22nd February NTC


कमोबेश एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को केंद्र के प्रतिनिधि के साथ बैठक की. चंडीगढ़ में यह मीटिंग हुई और 22 फरवरी को अगली बैठक शेड्यूल की गई है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में एक केंद्रीय टीम और किसान नेताओं के बीच एमएसपी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल मीटिंग के बाद कहा, “हम एक और बैठक करेंगे, और कृषि मंत्री शिवराज चौहान और गृह मंत्री मौजूद रहेंगे. यह मीटिंग चंडीगढ़ या दिल्ली हो सकती है.”

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, “मीटिंग दिल्ली में होगी या चंडीगढ़ होगी इसके बारे में एक-दो दिन में जानकारी दे दी जाएगी. उस मीटिंग में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य दो केंद्रीय मंत्री भी होंगे शामिल.” केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किसानों के साथ मीटिंग के बाद कहा, “आज सभी मुद्दों पर बातचीत हुई है. हमने शांतिपूर्ण तरीके से किसानों की मांगों की सुना है. 22 फरवरी को शिवराज चौहान के नेतृत्व में अगली बैठक होगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अगली बैठक में खुद शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे.

28 सदस्यीय किसान नेताओं ने केंद्र के साथ की मीटिंग

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “28 सदस्यीय किसान नेताओं ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. हमने दस्तावेजों के साथ तथ्य रखे हैं. मंत्रियों और अधिकारियों ने हमें कोई जवाब नहीं दिया डल्लेवाल ने आज अपनी पोती खो दी लेकिन वह फिर भी बैठक के लिए आए. दोनों मंचों ने डल्लेवाल जी से अनशन छोड़ने का अनुरोध किया लेकिन मैं अपना अनशन तब तक जारी रखूंगा जब तक एमएसपी गारंटी कानून पारित नहीं हो जाता.”

MSP की कानूनी गारंटी पर चर्चा की गई!

मीटिंग में खासतौर से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी पर चर्चा की गई. यह बैठक एक साल से चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बाद आयोजित की गई थी. केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विभिन्न किसान प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया. इस प्रतिनिधिमंडल में 28 सदस्यीय संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेता शामिल थे, जो किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे.

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बैठक का आयोजन चंडीगढ़ में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किया गया, जिसमें पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कतारुचक, चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा और डीजीपी गौरव यादव मौजूद थे.

जगजीत सिंह डल्लेवाल भी मीटिंग में पहुंचे

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो अपनी भूख हड़ताल के कारण वाहनों में थे, को भी बैठक में लाया गया. उन्होंने कहा कि खन्नौरी प्रदर्शन स्थल से चंडीगढ़ पहुंचने में चार घंटे लगे. डल्लेवाल संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हैं. वह 26 नवंबर से खन्नौरी सीमा बिंदु पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार से MSP की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को मानने का सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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किसानों की क्या है मांगें?

किसान पिछले साल से दिल्ली में मार्च करना चाहते थे, लेकिन उन्हें राजधानी में इसकी इजाजत नहीं दी गई. इसके बाद वे खनौरी सीमा पर धरने पर बैठ गए. फसल एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी पर लगाम, पुलिस द्वारा दर्ज मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय” की मांग कर रहे हैं.





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