Blog

किसी की 7 साल की बेटी नहीं रही, किसी के सास-ससुर ने गंवाई जान… भगदड़ में अपनों को खोने वालों का दर्द – New Delhi railway station stampede Victims Families in deep sorrow over tragic deaths ntcpan


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई और हादसे में कई लोग घायल हैं. आजतक की टीम मृतकों के परिजनों तक पहुंची और उनका हालचाल जाना. इस भगदड़ में बिहार के एक परिवार के 3 लोगों की जान चली गई जिनमें 11 साल की बच्ची भी शामिल है, जो अपने नाना-नानी के साथ कुंभ जा रही थी. इस खबर के बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक बच्ची के पिता दिल्ली में ड्राइवर हैं और इस हादसे में बच्ची के नानी-नाना की भी मौत हुई है. अपनी मंजिल के लिए निकले ऐसी ही कई लोगों ने इस भगदड़ में अपनों को खो दिया और अब सिर्फ मातम पीछे छूट गया है. 

पत्नी-बेटी की मौत, बेटा लापता

भगदड़ में नवादा के एक परिवार के दो लोगों की मौत हो गई है जिनमें मां और बेटी शामिल हैं. वहीं इनका 5 साल का बच्चा लापता हो गया है और अब परिवार के मुखिया राजकुमार मांझी अपने बेटे को खोज रहे हैं. मृतकों के परिजन के मुताबिक राजकुमार मांझी अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ हरियाणा के बहादुरगढ़ में रहते थे और वहीं ईट भट्टे पर काम करते थे. इंद्रा आवास में अपना नाम जुड़वाने के लिए राजकुमार पूरे परिवार के साथ नई दिल्ली से नवादा स्थित अपने पैतृक गांव पटवासराय जाने को स्टेशन पर आए थे.

इसी बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई और मौके पर ही राजकुमार की पत्नी शांति देवी और उनकी 8 साल की बेटी पूजा कुमारी की मौत हो गई. वहीं इस भगदड़ में उनका 5 साल का बेटा अविनाश कुमार लापता हो गया है. परिवार के मुताबिक यह परिवार 4 साल से बहादुरगढ़ में रह रहा था, जहां इस हादसे के बाद से ताला लटका हुआ है. परिजन अपनों के शवों का इंतजार कर रहे हैं जिनका रो-रो कर बुरा हाल है.

सात साल की रिया ने गंवाई जान

भगदड़ का दर्द झेल रहे ओपिल सिंह की कहानी भी राजकुमार मांझी से अलग नहीं है, जिन्होंने इस हादसे में अपनी 7 साल की बेटी रिया को खो दिया. सागरपुर के रहने वाले ओपिल सिंह बेटी की मौत को शब्दों में बयां तक नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने रुंधे गले से बताया कि कैसे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 पर जब भारी भीड़ जमा हुई और भगदड़ मची तो वह प्रयागराज जाने का प्लान कैंसिल कर घर वापसी के लिए पुल की सीढ़ी पर चढ़ रहे थे. लेकिन सामने से काफी संख्या में लोग आ रहे थे और अपना-अपना सामान भी फेंकते हुए भाग रहे थे. 

ये भी पढ़ें: ‘स्टेशन पर भीड़ बहुत है, वापस घर आ रही हूं…’, बेटे को नर्स का वो आखिरी फोन, फिर भगदड़ में चली गई जान

इस बीच उनकी बच्ची का हाथ छूटा और वह सीढ़ी के साथ वाली रैलिंग के निचले हिस्से में जा फंसी. वहीं लोहे की एक रॉड उसके सिर में घुस गई. इसके बाद परिवार वाले बच्ची को अस्पताल पहुंचाने के लिए मदद के लिए इधर-उधर भागते रहे. लेकिन कोई मदद नहीं मिली सकी. आखिर में खुद से परिवार आधे घंटे बाद अस्पताल पहुंच पाया, जहां रिया की मौत हो गई. ओपिल सिंह प्राइवेट जॉब करते हैं और उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बिटिया थीं. छोटी बिटिया रिया ही थी, जिसकी मौत से परिवार में मातम पसर गया है.

नाना-नानी संग जा रही थी महाकुंभ 

नई दिल्ली स्टेशन पर समस्तीपुर के रहने वाले मुकेश का परिवार भी फंसा था. हादसे में मुकेश के माता-पिता और उनकी भांजी सुरुचि की मौत हो गई. बच्ची के नाना-नानी अपनी नातिन को दिल्ली से लेकर महाकुंभ में स्नान करने के लिए प्रयागराज जाने के लिए स्टेशन आए थे. मृतकों विजय साह, कृष्णा देवी और इनकी नातिन सुरुचि शामिल है. मुकेश अब तीनों शव लेकर दिल्ली से समस्तीपुर के लिए हुए रवाना हो चुके हैं. सुरुचि के पिता मनोज ने अपने घर मुजफ्फरपुर फोन कर जानकारी दी कि सास-ससुर और बेटी तीनों की इस हादसे में मौत हो गई है. 

दिल्ली में हुए इस हादसे की खबर मिलने के बाद से मुकेश का परिवार सदमे में है. समस्तीपुर में मृतकों के घर कोहराम मच गया है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल बना हुआ है. मुकेश का परिवार समस्तीपुर जिले के कोठिया का रहने वाला है. यहां से उनके पिता विजय साह दिल्ली में कबाड़ का कारोबार करने वाले बेटे मुकेश कुमार के घर गए थे और यहां से उन्हें प्रयागराज जाना था. विजय साह अपने घर से पत्नी कृष्णा देवी के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. दिल्ली में एक दिन अपने बेटे के पास आराम करने के बाद वह प्रयागराज की ट्रेन पकड़ने बीती रात नई दिल्ली स्टेशन पर पहुंचे थे, जहां तीनों की मौत हो गई.

भगदड़ का शिकार बनीं पिंकी देवी

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 38 साल की पिंकी देवी की भी मौत हो गई. वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्नान के लिए जा रही थीं. दिल्ली के संगम विहार की रहने वाली पिंकी देवी के साथ 14-15 लोग थे जिनमें उनके भाई-भाभी बच्चों समेत कई रिश्तेदार शामिल थे. पिंकी देवी अपने पीछे 13 साल की बेटी और 10 साल के बेटे को छोड़ गई हैं. उनके रिश्तेदार ने बताया कि सभी के पास कन्फर्म टिकट थे और प्लेटफॉर्म की तरफ बढ़ने के दौरान ही पिंकी हादसे का शिकार हो गईं.

ये भी पढ़ें: पिता का छूटा हाथ, फिर धक्का लगने से सिर में घुसी लोहे की रॉड… दिल्ली भगदड़ की दर्दनाक कहानी

पिंकी और उनके सभी रिश्तेदार ट्रेन के इंतजार में अपनी टिकट लोग सीढ़ियों से नीचे प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे थे. तभी अचानक से आई भीड़ में पिंकी अपने रिश्तेदारों से अलग हो गईं. उनके भाई संजय ने बताया कि किसी तरह वह अपनी पत्नी और बेटी को बचाने में सफल रहे लेकिन तब तक पिंकी ग्रुप से अलग हो चुकी थीं जो भगदड़ का शिकार बनीं. रिश्तेदारों ने उन्हें अस्पताल भी पहुंचाया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

भगदड़ से बच निकले कुछ लोग किस्मत वाले थे जो अपने गंतव्य प्रयागराज तक पहुंच गए. वहां पहुंचे हादसे के कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वह प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर थे, जहां से प्लेटफॉर्म 14 का खौफनाक मंजर साफ नजर आ रहा था. घटना के दौरान ये लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे और प्रयागराज पहुंचने के बाद भी उस खौफनाक हादसे को भूल नहीं पा रहे हैं. 

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हजारों की तादाद में यात्री जमा हो गए, जिनमें से ज्यादातर महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के इंतजार में थे. तभी वहां ट्रेन आने के प्लेटफॉर्म को लेकर हुए कन्फ्यूजन की वजह से भगदड़ मच गई. प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 14 पर खड़ी थी. स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस में देरी के कारण प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर भारी भीड़ जमा थी. इसी दौरान अचानक प्लेटफॉर्म बदलने का ऐलान हुआ और यात्री एक से दूसरे प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के लिए जद्दोजहद करने लगे. सीढ़ियों पर कुछ यात्री फंस गए और कुछ ने भीड़ के नीचे दबकर अपनी जान गंवा दी.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *