कुंभ में हादसों का इतिहास, भारी भीड़ से धरे रह गए इंतजाम, जानें कब-कब हुआ भगदड़? – Kumbh Mela stampede after Independence during Mauni Amavasya snan and other amrit snan ntcppl
Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में जिस अनहोनी का अंदेशा हुआ आखिर वही हुआ. मौनी अमावस्या पर स्नान से पहले संगम नोज पर भीड़ के चलते भगदड़ मच गई. इस वजह से वहां अफरा-तफरी मच गई. ताजा जानकारी के मुताबिक अबतक इस भगदड़ में 10 लोगों की मौत की आशंका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं.
पीएम मोदी ने दो घंटे में 3 बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बीत की है और युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य का निर्देश दिया है.
कुंभ मेले के इतिहास में भारी भीड़ की वजह से अफरातफरी और भगदड़ का इतिहास पुराना है.
1954:आजादी के बाद पहली बार 1954 में प्रयागराज में कुंभ आयोजित किया गया था. नए-नए भारत की प्रशासनिक मशीनरी ऐसे आयोजनों के लिए अभयस्त नहीं थी. 3 फरवरी 1954 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए उमड़े श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई. इस दौरान लगभग 800 लोग नदी में डूबकर या तो कुचलकर मर गए.
1986: ये कुंभ मेला हरिद्वार में लगा था. इस दौरान भी भगदड़ मची इसमें भी दर्जनों लोग दबकर मर गये थे. रिपोर्ट के अनुसार 14 अप्रैल 1986 को इस मेले में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह, कई राज्यों के सीएम और सांसदों के साथ हरिद्वार पहुंचे थे. इस कारण आम लोगों की भीड़ को तट पर पहुंचने से रोका गया. इससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार इस हादसे में 200 लोगों की मौत हुई थी.
2003: 1986 के हादसे के बाद लंबे समय तक कुंभ मेला सफलतापूर्वक चलता रहा. इस दौरान क्राउड मैनेजमेंट में भी सुधार होता रहा. लेकिन 2003 में नासिक कुंभ में एक बार फिर हादसा हुआ. नासिक में आयोजित कुंभ मेले के दौरान एक भयानक भगदड़ मच गई थी, जिसमें 39 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी. यह घटना बेहद दुखद थी और इसने लाखों लोगों को झकझोर कर रख दिया था. इस कुंभ हादसे में 100 लोग जख्मी हो गए थे.
2010: इस बार का कुंभ मेला हरिद्वार में हो रहा था. बीबीसी के अनुसार 14 अप्रैल 2010 को हरिद्वार कुंभ में शाही स्नान के दौरान साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच झड़प के बाद मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे. इस घटना के बारे में चश्मदीदों ने बताया था कि साधुओं और श्रद्धालुओं में कहासुनी हुई जिसके बाद लोगों में भगदड़ मच गई थी. और लोग इधर-उधर भागने लगे थे.
2013: नासिक कुंभ के 10 साल बाद 2013 के प्रयागराज कुंभ में एक बार फिर हादसा हुआ. लेकिन इस बार ये हादसा इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुआ था. इस हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर एक फुटब्रिज पर रेलिंग गिरने के बाद भगदड़ मची. हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि स्टेशन पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया. इस वजह से भगदड़ मची. इस हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई. इनमें 29 महिलाएं, 12 पुरुष और एक आठ साल की बच्ची शामिल थी. इसी घटना में 45 लोग जख्मी भी हो गये थे.
2013 के बाद भगदड़ की घटना 2025 में हुई है. जहां अबतक प्रशासन ने 10 लोगों की मृत्यु की आशंका जताई है. इस हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि आप जहां हैं वहीं स्नान करें. उन्होंने लिखा, “मां गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें.आप सभी प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें.”
सीएम योगी ने कहा कि संगम के सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान हो रहा है. किसी भी अफवाह पर बिल्कुल भी ध्यान न दें.