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‘गुरु का अपमान बर्दाश्त नहीं, 3 दिन में महाकुंभ से चली जाऊंगी’, Aajtak से बोलीं वायरल साध्वी हर्षा – Harsha Richhariya Super Exclusive Interview breaks out on allegations says leave Mahakumbh 2025 after 2 or 3 days lcly


प्रयागराज में महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी हर्षा रिछारिया को कुछ लोगों द्वारा ट्रोल किया जा रहा है. वहीं, इसी बीच आजतक को हर्षा ने एक इंटरव्यू दिया है. इस दौरान उन्होंने कई सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मैं अगले 3 दिन में महाकुंभ से उत्तराखंड जा रही हूं. क्योंकि बात अब मेरे गुरु तक आ गई है. मैं अपने गुरु की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर सकती हूं. महाकुंभ छोड़ने के लिए उन्होंने शाकुंभरी पीठाधीश्वर और काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप जी को भी जिम्मेदार ठहराया. आइए जानते हैं उन्होंने आज तक को दिए इंटरव्यू में क्या-क्या कहा?

हर्षा की जिंदगी में इतना बदलाव कैसे हुआ?

जिंदगी में कोई बड़ा हादसा हो या फिर जिंदगी में बदलाव हो… इंसान मंदिर में भजन-कीर्तन करते मिले यह जरूरी नहीं है. कभी-कभी हम खुद से कटने लगते हैं. ऐसे वक्त में हमें अकेले रहना पसंद आता है.

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आम जिंदगी आसान थी या सनातन का तप? 

इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब मैं ईश्वर की भक्ति में रमने लगी थी तब मुझे बहुत आसान लगा था. लेकिन जब आप नेकी की राह पर चलते हैं तो कठिनाइयां आती हैं. यह मुझे अब महसूस हो रहा है.

क्या घरवालों ने सवाल नहीं उठाया?

मैं खानदान की तो बात नहीं करूंगी लेकिन अगर बेटी होती है तो परिवार की बहुत सारी उम्मीदें होती हैं. परिवार की मुझसे भी उम्मीद है, जो अपनी जगह सही है. वहीं, जब बच्चा बड़ा होने लगता है और गलत रास्ते पर है या गलत संगति में है तो परिवार को ज्यादा परेशानी होती है. लेकिन अगर वह सही रास्ते पर चल रहा है तो सबसे ज्यादा खुशी परिवार को ही होती है. हालांकि मेरा परिवार मेरे भविष्य को लेकर कभी-कभी चिंता में पड़ जाता है. मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया है.

हर्षा शादी के बारे में सोच रही हैं या साध्वी जीवन की और अग्रसर रहेंगे?

मैंने अभी शादी के लिए कुछ नहीं सोचा है. इस वक्त मैं युवाओं को सनातन के लिए प्रेरित करने में आगे बढ़ना चाहती हूं. अगर हर कोई सरकारी नौकरी करेगा या विदेश में जाकर बस जाएगा तो यह काम भी किसी को करना पड़ेगा.

आपके बालों और आंखों को लेकर बड़ी चर्चा है, सवाल उठ रहे हैं?

क्या सनातन के लिए हर चीज का त्याग करना पड़ता है. मैंने कहीं भी नहीं बोला कि मैं साध्वी हूं. मुझे जो अच्छा लग रहा है मैं वह कर रही हूं. रही बात मेरे आंखों के कलर  की तो मैं आपको बता दूं कि मुझे चश्मा लगा है और या लेंस है. क्योंकि मुझे साफ दिखाई नहीं पड़ता. हर कहीं चश्मा लेकर चलना आसान नहीं है. इसलिए मैं लेंस लगाना पसंद करती हूं. मेरे बाल और आंखों को लेकर इस वक्त देश में चर्चा किया जा रहा है. मेरी जटाएं और शादी भी एक अलग मुद्दा है. मैं इस तरह के बाल पिछले 3 साल से करवाना चाहती थी लेकिन खुद से हो नहीं पा रहा था. जब से मैं भक्ति में आयी हूं मैं केवल साड़ियां पहनती हूं.  

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स्नान के दौरान रथ पर सवार नजर आईं, इसे लेकर संतों के विरोध पर क्या कहेंगी?

मुझे बुधवार रात से इसकी जानकारी होना शुरू हुआ है. पहली बात शाही सवारी हमारे गुरुदेव की निकलती है या सवारी हर अखाड़े से निकलती है. इसमें तमाम साधु और महामंडलेश्वर रहते हैं. ऐसे में उस अखाड़े से और अपने गुरुदेव से जुड़े लोग भी शाही सवारी में रहते हैं. रथों में रहते हैं. केवल मैं नहीं थी और भी भक्त बैठे हुए थे. क्योंकि मेरा चेहरा वायरल हो गया है तो सबको यह नजर आया. मेरे अलावा और भी गृहस्थ लोग थे जो बैठे हुए थे. 

आप सोशल मीडिया सेंसेशन हैं इसलिए चर्चा आपकी ही होगी. अब आपके अखाड़े को भी टारगेट किया जा रहा है?

जब आप पद में ऊपर होते हो तो हम जैसे बालक आपसे बहुत कुछ सीखना चाहते हैं लेकिन जब कुछ संत अभद्र टिप्पणियां करते हैं तो वह समाज के लिए और उनके खुद के लिए शर्मनाक है. कोई काली सेना है जिसके अध्यक्ष भी आप ही हैं, सब कुछ आप हैं, मेरे जरिए प्रसिद्ध होना चाहते हैं. वह खुद को संत बताते हैं लेकिन खुद शादीशुदा हैं. पहले खुद को देखें.

मैं आगे चलकर साध्वी जीवन जिऊंगी या गृहस्थ जीवन जिऊंगी, मुझे भी नहीं पता. मुझे लेकर एक जलन की भावना है. जब कोई आगे बढ़ता है तो उसपर कीचड़ उछालने वाले बहुत होते हैं. तपस्वियों को तो गर्व महसूस होना चाहिए. मेरे गुरुदेव को लेकर जो कहा गया है, उसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि गोरखपुर की ट्रेन खाली जा रही है?

मैं यहां हर दिन हालातों का जायजा ले रही हूं. मुझे नहीं पता अखिलेश यादव को कौन सी खाली ट्रेन दिख रही हैं. शायद उन्हें इंसान देखना बंद हो गए हैं. यहां बहुत श्रद्धालु आ रहे हैं. 

क्या आप आने वाले वक्त में किसी रियलिटी शो या बिग बॉस से ऑफर एक्सपेक्ट कर रही हैं?

मुझे अभी बहुत सीखने और समझने की जरूरत है. मैं सबके लिए बकरा बन गई हूं. मुझे अब महाकुंभ से जाना पड़ रहा है. इसका श्रेय मैं दूंगी आनंद स्वरूप जी को. मैं गुरुदेव से आंखे नहीं मिला पा रही हूं, मैं वापस उत्तराखंड जा रही हूं. मैं एक बेटी और शिष्या होने के नाते यह नहीं चाहती कि मेरे गुरुदेव को टारगेट किया जाए.

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महाकुंभ से कब जा रही हैं?

मैं अगले एक से दो दिन में यहां से जाने वाली हूं. जो लड़की यहां से बहुत कुछ सीखना चाहती थी उसे अगले 3 दिन में यहां से जाना पड़ रहा है. यह शर्मनाक है. यह मेरा खुद का निर्णय है. जब तक बात मुझ तक थी कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन अब बात मेरे गुरुजी की है. मैं एक्टर और एंकर रह चुकी हूं, लेकिन मुझे मॉडल के रूप में पेश किया जा रहा है, जो गलत है.

क्या आप राजनीति में जा सकती हैं?

मैं ऐसी की चीज के बारे में अभी नहीं सोच रही हूं. सनातन से कैसे युवाओं को प्रेरित करना है बस यही ख्याल है. जैसा भी गुरुदेव बोलेंगे वह मेरे लिए सही होगा और वही करूंगी.

क्या हर्षा आने वाले वक्त में कोई शिष्य रख सकती हैं?

हंसते हुए, नहीं अभी ऐसा कोई विचार नहीं है.
 



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