टुडेज चाणक्य Exit Polls: 51 सीटों के साथ खत्म होगा बीजेपी का 27 साल का सूखा, 19 सीटों पर सिमट सकती है AAP! – Delhi Elections Todays Chanakya Exit Polls BJP 27 year drought will end with 51 seats aam aadmi party may be reduced to 19 seats Kejriwal PM Modi ntc
दिल्ली चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को सामने आएंगे, लेकिन इससे पहले एग्जिट पोल्ट के आंकड़े सामने आए गए हैं. एग्जिट पोल्स की पहली बड़ी बात ये है कि बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में वापसी कर सकती है. दूसरी बड़ी बात- बीजेपी अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिल्ली में कर सकती है. 1993 में बीजेपी ने 49 सीट जीती थी, लेकिन एग्जिट पोल्स कहते हैं कि अबकी 51 सीट तक बीजेपी जा सकती है. तीसरी बड़ी बात ये है कि बड़े उम्मीदवारों की विधानसभा सीट पर उलटफेर का दावा एग्जिट पोल में दिखाया गया है. चौथी बड़ी बात- आम आदमी पार्टी के वोट शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. 10 फीसदी तक वोट घट सकता है. पांचवीं बड़ी बात-10 साल की एंटी इन्कंबेंसी ने आम आदमी पार्टी के उस वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया जो अब तक रिकॉर्ड सीट दिलाते रहे, यानी कोर वोट बैंक में नुकसान हो सकता है. छठी बड़ी बात- कांग्रेस तीन से पांच फीसदी तक वोट काट सकती है.
10 एग्जिट पोल कहते हैं बीजेपी को बहुमत मिल सकता है, 2 एग्जिट पोल कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या एग्जिट पोल्स के मुताबिक दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बन सकती है? क्या एग्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली में AAP से दोगुनी से ज्यादा सीट अबकी बीजेपी ला सकती है? क्या राहुल-प्रियंका की कोशिश के बावजूद लगातार तीसरी बार कांग्रेस का खाता नहीं खुलने वाला है? एग्जिट पोल्स में बीजेपी की सरकार के दावों के बीच आम आदमी पार्टी क्यों नतीजों से पहले ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाने लगी?
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अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल के दावे 8 फरवरी को सही साबित हुए तो दिल्ली में मोदी राज में वो होगा जो 27 साल में नहीं हो पाया. लेकिन एग्जिट पोल्स में बीजेपी की बनती सरकार और AAP की होती हार के दावों के बीच दोनों खेमे नतीजों से पहले खुद को पूरी तरह आत्मविश्वास से लबरेज दिखाने में जुटे हैं. दिल्ली में बीजेपी के सभी सात सांसदों और ज्यादातर कैंडिडेट के साथ बैठक हई. बैठक में दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा और बीजेपी प्रभारी बैजयंत पांडा मौजूद रहे. ये दिखाने की कोशिश की गई कि ये कि जीत का विश्वास है. आगे की रणनीति पर बैठक हो रही है. दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल वोटिंग के अगले दिन एक रेस्टोरेंट में परिवार के साथ लंच करने गए थे. शायद ये दिखाने का मकसद है कि सबकुछ सामान्य है. जीत का भरोसा है.
आम आदमी पार्टी ने लगाए बीजेपी पर आऱोप
दिल्ली में जब वोटों की गिनती शुरू भी नहीं हुई है, उससे 40 घंटे पहले केजरीवाल के सबसे करीबी सांसद संजय सिंह ने आरोप लगा दिया. ये आरोप लगाया कि दिल्ली में नतीजों से पहले ऑपरेशन लोटस शुरू हो गया है. आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के सात विधायकों को 15-15 करो़ड़ का फोन आने लगा है. नतीजों से पहले ही एग्जिट पोल आने के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से आरोप लगाने का क्या मतलब है, जबकि 13 एग्जिट पोल का औसत कहता है कि पिछली बार 8 सीट जीतने वाली बीजेपी अबकी 41 सीट तक जा सकती है. जबकि पिछली बार 62 सीट जीतने वाली आम आदमी पार्टी अबकी 29 सीट तक आ सकती है. यानी बीजेपी की अपने दम पर सरकार.
क्या कहता है टुडेज चाणक्य का एग्जिट पोल?
वहीं, टुडेज चाणक्य का एग्जिट पोल कहता है कि दिल्ली में अबकी बीजेपी 51 सीट तक जीत सकती है, AAP को 19 सीट तक मिल सकती है. कांग्रेस समेत अन्य का खाता भी नहीं खुल सकता है. तो क्या यही वजह है कि बीजेपी संजय सिंह के आरोपों को नतीजों से पहले हार की हताशा का परिणाम बता रही है. बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने कहा कि संजय सिंह और केजरीवाल दोनों ने हार स्वीकार कर ली है और वे जानते हैं कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है.
केजरीवाल ने उठाए एग्जिट पोल पर सवाल
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ एजेंसी दिखा रही हैं कि गाली-गलौज पार्टी की 55 से ज़्यादा सीट आ रही हैं. केजरीवाल ने दावा किया कि दो घंटे में उनके 16 उम्मीदवारों के पास फ़ोन आ गए हैं और पार्टी छोड़कर आने पर मंत्री बनाने के साथ 15-15 करोड़ रुपए के ऑफर का दावा किया. केजरीवाल ने X पर लिखा कि अगर इनकी पार्टी की 55 से ज़्यादा सीटें आ रहीं हैं, तो हमारे उम्मीदवारों को फ़ोन करने की क्या ज़रूरत है? केजरीवाल आरोप लगाते हैं कि एग्जिट पोल के सर्वे फर्जी हैं और उनके सहारे माहौल बनाकर उम्मीदवारों को तोडा जा रहा है.
क्या दिल्ली में खिलेगा कमल?
एग्जिट पोल सही हुए तो क्या पीएम मोदी अपने राज में बीजेपी को एक बार फिर उस चुनौती के आगे जीत दिला देंगे, जहां कमल खिलाना कठिन माना जाता रहा. इतिहास पर नजर डालें तो असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, ओ़डिशा उदाहरण हैं इस बात का कि जहां लंबे वक्त तक बीजेपी नहीं जीत पाई थी, वहां बीजेपी को जीत नरेंद्र मोदी के नाम पर मिली. क्या वही अब दिल्ली में होने जा रहा है, क्योंकि एग्जिट पोल की मानें तो हर फैक्टर में बीजेपी को ज्यादा वोट मिल सकता है.