देश में कहां छिपे हैं स्लीपर सेल, हेडली के मददगार कौन… तहव्वुर राणा से दूसरे राउंड में NIA पूछेगी ये सवाल! – NIA ask questions to Tahawwur Rana second round Where sleeper cells hidden in country who helped Headley ntc
2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को पहले राउंड की गहन पूछताछ शुरू की. जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि उन्हें संदेह है कि तहव्वुर राणा की योजना अन्य भारतीय शहरों में भी मुंबई जैसे बड़े हमलों की थी. 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार शाम को चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाया गया. अदालत से 18 दिन की कस्टडी मिलने के बाद शुक्रवार सुबह उसे NIA हेडक्वार्टर में लाया गया.
पूछताछ की अगली कड़ी में NIA तहव्वुर राणा से स्लीपर सेल के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करेगी, जो तहव्वुर राणा और उसके ऑनग्राउंड ऑपरेटिव डेविड कोलोमेन हेडली से भारत में संपर्क में थे. हालांकि तहव्वुर राणा हेडली के साथ ज़्यादातर जगहों पर नहीं गया था, लेकिन उसने मुंबई में इमिग्रेशन लॉ सेंटर की स्थापना कर हेडली को कवर दिया, ताकि हेडली अपने मंसूबों के अंजाम दे सके. राणा 8 नवंबर 2008 और 21 नवंबर 2008 के बीच एक बार भारत आया और हेडली के साथ गया. हेडली को भरोसा देने के लिए खुद को एक कारोबारी के रूप में पेश किया. तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने व्यापारिक गतिविधियों की आड़ में उसकी कुछ गतिविधियों में मदद की.
स्लीपर मॉड्यूल का पता लगाने पर फोकस
तहव्वुर राणा से प्राप्त इनपुट के आधार पर संभावित कार्रवाई के लिए एनआईए की टीमें विभिन्न एटीएस टीमों के संपर्क में हैं. तहव्वुर से पूछा गया कि भारत में रहने के दौरान आप किससे और कहां मिले थे? हालांकि एनआईए का फोकस स्लीपर मॉड्यूल का पता लगाने पर होगा, जिसने महाराष्ट्र के मुंबई में हेडली की मदद की. एनआईए उन लोगों के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश करेगी, जिन्होंने हेडली की हेल्प की और तहव्वुर के साथ कॉर्डिनेट किया. जिसके बाद उसने वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी की.
गोवा, पुणे और पुष्कर में हेडली ने की थी रेकी
हेडली ने व्यवसायी बनकर दिल्ली का दौरा किया. उस पर वहां भविष्य के हमलों की योजना बनाने का भी संदेह था और उसने संभावित लक्ष्यों की निगरानी भी की थी. संभावित टारगेट्स के रूप में पर्यटन स्थलों का पता लगाने के लिए संभवतः उसने गोवा की यात्रा की. गोवा के इनपुट्स उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से शेयर किए थे. इस बात के सबूत हैं कि हेडली ने पुणे के ओशो आश्रम और संभवतः पुणे के चबाड हाउस सहित पुणे के इलाकों की रेकी की थी. इतना ही नहीं वह पुष्कर के साथ ही दूसरी जगहों पर भी गया था. हेडली ने कथित तौर पर पर्यटन या व्यवसाय की आड़ में पुष्कर (राजस्थान) और अन्य शहरों का दौरा किया, सामान्य खुफिया जानकारी एकत्र की और विदेशी पर्यटकों द्वारा अक्सर देखी जाने वाली जगहों की पहचान की.
पूछताछ में हो सकता है बड़ी साजिश का खुलासा
बता दें कि एनआईए ने स्पेशल कोर्ट में बताया कि तहव्वुर राणा से पूछताछ के दौरान बड़ी साजिश की परतें उजागर हो सकती हैं. पूछताछ में तहव्वुर राणा के अन्य आतंकियों और 26/11 हमले के आरोपियों से संबंधों की जांच की जा रही है. राणा, 26/11 के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है. हेडली अमेरिकी नागरिक है और एनआईए के अनुसार उसने मुंबई हमले की संपूर्ण योजना राणा से शेयर की थी. दोनों ने साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल-उल-जिहादी इस्लामी (HUJI) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर साजिश रची थी.
कई शहरों में घूमा था तहव्वुर
जांच में ये भी सामने आया है कि तहव्वुर राणा ने 13 नवंबर से 21 नवंबर 2008 के बीच भारत के कई शहरों- हापुड़, आगरा, दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई की रेकी की थी. एनआईए को शक है कि इन शहरों की यात्राओं के पीछे देशभर में आतंकी हमलों की योजना हो सकती है, जिसकी विस्तृत जानकारी पूछताछ के बाद स्पष्ट होगी. सूत्रों के अनुसार तहव्वुर राणा से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अन्य पाकिस्तान आधारित आतंकियों के साथ उसके संबंधों को लेकर भी पूछताछ की जा रही है.
कड़ी सुरक्षा में रखा गया है तहव्वुर को
तहव्वुर राणा को दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय में एक अत्यधिक सुरक्षित सेल में रखा गया है. वहां 24×7 निगरानी की जा रही है. सुरक्षा के लिए CRPF और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं. एनआईए के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) जया रॉय इस केस की मुख्य जांच अधिकारी हैं, वह जांच का नेतृत्व कर रही हैं. वहीं, अदालत ने आदेश दिया है कि राणा की हर 24 घंटे में मेडिकल जांच की जाए और उसे हर दूसरे दिन वकील से मिलने की अनुमति दी गई है.