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पहले पीएम मोदी की ललकार, अब अमित शाह की चेतावनी… क्या कराची में दोबारा होगा Operation Trident? – Pakistan news Challenge from PM Modi Amit Shah warns know Will Operation Trident happen again in Karachi ntc


पाकिस्तान के अलावा भारत में भी कुछ लोग ये कहने लगे हैं कि भारत, पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाएगा. इन लोगों का मानना है कि जब पहलगाम अटैक के 10 दिन बाद भी कोई सैन्य एक्शन नहीं लिया है, तो अब क्या लेगा. भारत सरकार और भारतीय सेना अच्छी तरह जानती है कि युद्ध कोई आसान कदम नहीं है. एक बार अगर इस रास्ते पर आगे बढ़ गए तो कहां तक जाएंगे, ये तय नहीं होगा. इसीलिए भारत, पाकिस्तान को ‘ART OF WAR’ से हरा रहा है.

युद्ध कला पर एक बहुत मशहूर किताब है, जिसका नाम है ART OF WAR. ये किताब करीब 2500 साल पर पहले लिखी गई थी और इसके लेखक थे चाइना के एक जनरल सुन जू. भारत ने पहलगाम हमले के बाद अभी तक जो कदम उठाए हैं, उसकी झलक इस किताब में लिखी गई कुछ बातों से काफी हद तक मिलती जुलती है. ‘सुन जू’ का कहना था कि ‘युद्ध की सर्वोच्च कला है, बिना लड़े ही दुश्मन को परास्त करना’. 

क्या है ART OF WAR?

भारत ने अभी तक पाकिस्तान पर कोई सीधा हमला नहीं किया है बल्कि सिंधु जल संधि स्थगित कर दी, एयरस्पेस बंद कर दिया, अटारी बॉर्डर बंद दिया और व्यापार बंद कर दिया, ये ऐसे कदम हैं जिनसे पाकिस्तान, बिना लड़े ही घुटने पर आने लगा है. देश का विपक्ष चाहता है कि भारत सरकार संसद का विशेष सत्र बुलवाए और ये बताए कि वो पाकिस्तान के खिलाफ क्या-क्या एक्शन लेने वाले हैं.

‘सुन जू’ ने अपनी किताब में लिखा है कि ‘युद्ध की योजनाओं को हमेशा छिपाकर रखो और जब आगे बढ़ो तो वज्र की तरह गिरो’. भारतीय सेना भी अपनी रणनीतिक योजनाओं के बारे में किसी को नहीं बताना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना को खुली छूट देते हुए कहा कि हमले का समय, निशाना और तरीका, ये सब कुछ सेना तय करेगी. वो दिन आएगा जब 140 करोड़ भारतीयों को विजय का एहसास होगा.

अगर किसी को लगता है कि भारतीय सेना, पाकिस्तान पर हमला करने की योजनाओं, हमले के तरीकों या टारगेट के बारे में कुछ बताएगी तो वो गलत हैं. लेकिन आज सवाल ये भी है कि भारत, पाकिस्तान को जवाब कब देगा? इस सवाल का जवाब भी ART OF WAR में है और भारतीय सेना भी इसे जानती है.

सुन जू ने लिखा था ‘जो देश जानते हैं कि वो कब लड़ सकते हैं और कब नहीं, वही जीतते हैं और अगर आपके शत्रु को लगता है कि आप उनसे दूर हैं तो उसे यकीन दिलाइए कि आप उसके पास ही हैं.’ भारत सरकार और सेना को पता है कि वो कब लड़ सकते हैं, इसीलिए युद्ध से पहले पाकिस्तान की घेराबंदी चल रही है. भारतीय सेनाएं उसके पास ही खड़ी हैं.

सच ये है कि पाकिस्तान को पता भी नहीं है कि उसके साथ क्या हो रहा है. जिस तरह पुरानी हिंदी फिल्मों के क्लाइमैक्स में विलेन से कहा जाता था कि ‘पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया है’. उसी तरह भारत ने भी युद्ध से पहले अपने विलेन पाकिस्तान की घेराबंदी कर ली है भारत ने पाकिस्तान को रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक रूप से पूरी तरह से घेर लिया है.

पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चाबंदी में जुटा भारत

पाकिस्तान की पहली घेराबंदी सैन्य रणनीति से शुरू हो चुकी है. भारतीय सेनाओं ने सीमा पर अपनी-अपनी स्थिति मजबूत कर ली है ताकि आदेश मिलने पर तुरंत सैन्य कार्रवाई हो सके. नौसेना ने समुद्र में मोर्चा संभाल लिया है. हमारा एयरक्राफ्ट कैरियर अपनी पूरी फ्लीट के साथ अरब सागर में पाकिस्तान के करीब मौजूद है. थल सेना ने सीमा पर अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है और LOC पर पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन का जवाब गोलियों से दे रही है. वायुसेना ने भी आसमान में चौकसी बढ़ा दी है. भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है इसलिए अब वायुसेना, पाकिस्तान की हर उड़ान पर नजर रख रही है, ताकि उसका कोई विमान भारत में ना घुस पाए.

पाकिस्तान की दूसरी घेराबंदी कूटनीतिक रूप से हो रही है ताकि पाकिस्तान को पूरी दुनिया से अलग थलग किया जा सके और कोई उसकी मदद ना करे. पहलगाम हमले के बाद भारत ने दुनिया के हर देश को आतंकी हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत दिखाए हैं. भारत सरकार ने एक डोजियर भी तैयार किया है, जिसमें आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान के शामिल होने के बारे बताया गया है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार दूसरे देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करके पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चाबंदी में जुटे हैं और अब UNSC में भी पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा तैयार हो रहा है.

पाकिस्तान की तीसरी घेराबंदी उसको आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए की गई है. पाकिस्तान के साथ हुई ‘सिंधु जल संधि’ स्थगित कर दी गई है, जिससे पाकिस्तान में सूखे की स्थिति बनेगी और खेती पर अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है, और इस रास्ते होने वाले व्यापार के बंद से पाकिस्तान को करीब 3800 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है, और पाकिस्तान को एक लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है जिससे हवाई यात्रा परिचालन का खर्च बढ़ गया है.

पहले आर्थिक और फिर कूटनीतिक स्ट्राइक

भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान पर आर्थिक स्ट्राइक की थी. फिर उसके बाद भारत ने उसपर कूटनीतिक स्ट्राइक कर दी और अब समय है सेना की स्ट्राइक का. संकेत तो यही मिल रहे हैं कि युद्ध के शतरंज पर बिसातें बिछ चुकी हैं, बस चाल चलने की देरी है. जंग में हमले से पहले की तैयारियां बहुत महत्वपूर्ण होती है. तैयारी जितनी मजबूत होगी, हमला उतना ही खतरनाक होगा. सेना ये भी अनुमान लगाकर चल रही है कि अगर पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो ये लंबा भी चल सकता है, इसीलिए तैयारी पक्की होना जरूरी है. पाकिस्तान की घेराबंदी इसी तैयारी का हिस्सा है. जिसकी एक झलक अरब सागर में दिखी है.

भारतीय नौसेना ने अपना एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को उसकी पूरी फ्लीट के साथ अरब सागर में उतार दिया है और यहां पर वो पाकिस्तान पर नजर रखे हुए हैं. अरब सागर में पाकिस्तान की उकसाने वाली हरकतें भी शुरू हो गई हैं इसीलिए उसको शांत करने के मकसद से INS विक्रांत को कई डिस्ट्रॉयर युद्धपोतों के साथ अरब सागर में उतार दिया गया है.

समंदर में इस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच जो हलचल है, उसे देखकर संकेत मिल रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान को समंदर में घेर लिया है और पाकिस्तान इससे परेशान होने लगा है. भारत और पाकिस्तान की नौसेना अरब सागर में एक दूसरे के आमने सामने हैं. दोनों के बीच की दूरी करीब 85 नॉटिकल माइल्स है. देखा जाए तो ये स्थिति शांतिकाल की स्थिति तो नहीं कही जा सकती है. भारत और पाकिस्तान की नौसेनाओं ने लगभग एक समय पर अरब सागर में युद्धाभ्यास का ऐलान किया और इस वजह से दोनों नौसेनाओं के युद्धपोत अपने-अपने समुद्री क्षेत्र में रहकर एक दूसरे की सीमाओं के पास खड़े हैं. 

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद INS विक्रांत की पूरी फ्लीट को भारत ने अरब सागर में तैनात कर दिया था. इसके अलावा भारत ने यहां अपनी मिसाइलों का युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया था. पाकिस्तान को डर है कि भारत उनपर हमला कर सकता है इसीलिए उसने जोश-जोश में अपने युद्धपोतों को भी भारत की समुद्री सीमाओं के नजदीक तैनात कर दिया.

पाकिस्तान के पास युद्धाभ्यास के लिए भी नहीं गोला-बारूद

भारत ने पड़ोसी देशों को अपने युद्धाभ्यास का ग्रीन नोटिफिकेशन जारी किया था. भारत ने उन्हें बताया कि वो 30 अप्रैल से 3 मई तक अपने समुद्री क्षेत्र में युद्धाभ्यास करेगा. ये ग्रीन नोटिफिकेशन इसलिए जारी किया जाता है ताकि पड़ोसी देशों को ये ना लगे कि भारत ने उनपर हमला कर दिया है या हमले की मंशा से मिसाइलें दागी गईं.

भारत के इस युद्धाभ्यास से पाकिस्तानी सेना में इतना खौफ था कि उसने भी भारत की नकल करते हुए पिछले कुछ दिनों में 4 ग्रीन नोटिफिकेशन जारी किए हैं. उसने सबसे पहले 26 और 27 अप्रैल को युद्धाभ्यास के बारे में बताया था. फिर उसके बाद उसने एक और नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें कहा कि वो 30 अप्रैल से 2 मई तक युद्धाभ्यास करेगा. जबकि उसे मालूम था कि भारत भी इन्हीं तारीखों पर युद्धाभ्यास करने वाला है.

अब खबर है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर से नोटिफिकेशन जारी करके बताया है कि वो युद्धाभ्यास की तारीख 1 दिन के लिए और बढ़ा रहा है. आमतौर पर सेनाएं युद्धाभ्यास के दौरान दुश्मन पर हमला करने और पलटवार करने जैसी प्रैक्टिस करती हैं. इसमें गोलियां चलाई जाती है, टैंक से फायर किए जाते हैं, मिसाइलें दागी जाती हैं. लेकिन भारतीय सेना इस बात से हैरान है कि पाकिस्तान की नौसेना ने अपने युद्धाभ्यास में एक भी मिसाइल नहीं दागी है. ऐसा लग रहा है कि जैसे पाकिस्तानी नौसेना के पास युद्ध के साजोसामान की इतनी कमी है कि अभ्यास के लिए उनके पास 2-4 मिसाइलें भी नहीं हैं.

Operation Trident में भारत ने कराची पोर्ट को कर दिया था बर्बाद

भारतीय नौसेना, पाकिस्तानी सेना की एक छोटी सी गलती का इंतजार कर रही है और इसीलिए एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत, लड़ाकू युद्धपोतों की पूरी फ्लीट के साथ वहां मौजूद है. भारतीय नौसेना पिछले कुछ दिनों से एंटी शिप और एंटी एयरक्राफ्ट फायरिंग की प्रैक्टिस भी कर रही है और इसी वजह से पाकिस्तान में डर का माहौल है. भारतीय नौसेना से निपटने के लिए पाकिस्तानी ने कराची एयरबेस पर 25 फाइटर जेट तैनात किए हैं ताकि हमले की स्थिति से वो भारत से निपट सके. ये वही फाइटर जेट हैं जो उसे चीन से मिले थे.

साल 1971 में जब पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के एयरफील्ड्स पर हमले किए थे, तब उसे भारी कीमत चुकानी पड़ी थी. भारतीय नौसेना ने Operation Trident के तहत कराची पोर्ट को तबाह कर दिया था. भारतीय सेना का हमला इतना भीषण था कि कराची पोर्ट 7 दिनों तक जलता रहा और उसे महीनों तक बंद रखा गया था. इस हमले की सफलता ने पाकिस्तान को इस युद्ध में कभी उबरने का मौका ही नहीं दिया.

नौसेना ने अरब सागर में अपनी मौजूदगी से पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है और उधर जम्मू-कश्मीर रीजन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की रणनीति को अपने हाईटेक जैमर से जाम कर दिया है. भारतीय सेना LOC के एयरस्पेस पर निगरानी कर रही है और उसने पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों में लगे Global Navigation Satellite System को खराब कर दिया है. इसके लिए भारतीय सेना ने अपना एक हाईटैक Jammer लगाया है, जिससे पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों का पूरा नैविगेशन सिस्टम भ्रमित हो जाएंगे और वो हमला करने की स्थिति में नहीं रहेंगे.

हर रोज पाकिस्तान को हो रहा करोड़ों का नुकसान

वायुसेना भी भारतीय एयरस्पेस की सुरक्षा में तैनात हो गई है क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है. भारत का ये कदम पाकिस्तान की रणनीतिक और आर्थिक घेराबंदी का तरीका है. रणनीतिक रूप से देखा जाए तो अब पाकिस्तान का कोई भी विमान अगर भारतीय एयरस्पेस में घुसेगा तो वो शायद वापस नहीं जा पाएगा और आर्थिक रूप से देखा जाए तो इस कदम से पाकिस्तान को हर दिन करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है.

भारत से व्यापार बंद होने पर पाकिस्तान को हर दिन करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था और अब भारत ने अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है. अभी तक चीन, मलेशिया और थाईलैंड जाने के लिए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस भारतीय एयरस्पेस का इस्तेमाल करती थी लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पा रही है.

भारत ने पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया है लेकिन क्या आपको मालूम है कि पाकिस्तान ने भारत से टकराव के चक्कर में खुद अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली थी. पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर लिया था और इस वजह से उसको मिलने वाला ‘ओवरफ्लाइट चार्ज’ बंद हो गया. पाकिस्तान के एयरस्पेस को इस्तेमाल करने के लिए भारतीय एयरलाइन कंपनियां उसे ‘ओवरफ्लाइट चार्ज’ के तौर पर हर महीने करोड़ों रुपये देती थीं. लेकिन उसने अपना एयरस्पेस बंद करके अपनी कमाई खुद ही बंद कर ली.

भारत से अमेरिका और यूरोप जाने वाली 100 से ज्यादा फ्लाइ्टस पाकिस्तानी एयरस्पेस से होकर जाती हैं. प्रतिदिन पाकिस्तान को ओवरफ्लाइट चार्ज के तौर पर 2 करोड़ रुपये मिलते थे, जो अब बंद हो चुका है. यानी पिछले दस दिन में पाकिस्तान अपना 20 करोड़ रुपये का नुकसान करवा चुका है और ये नुकसान हर दिन बढ़ता जा रहा है.

हाइपर एक्टिव विदेश मंत्री एस जयशंकर

पाकिस्तान पर भारत की तरफ से हर तरह की स्ट्राइक हो रही है. अभी तक भारत ने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया है लेकिन पाकिस्तान की चीखें निकलनी शुरू हो गई हैं. अब भारत पाकिस्तान को इंटरनेशनल लेवल पर अलग थलग कर रहा है और इसकी अगुवाई खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर कर रहे हैं.

जब से ये हमला हुआ है तब से एस जयशंकर हर रोज लगातार एक दिन में कई विदेशी नेताओं से बात कर रहे हैं और उन्हें पाकिस्तान की आतंकी करतूतों के बारे में बता रहे हैं और इसमें सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है अमेरिका के साथ.

22 अप्रैल को पहलगाम हमला हुआ, 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात हुई. फिर 1 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर की बात अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से हुई और आज ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से बात की.

UNSC के नॉन परमानेंट मेंबर्स से भी बात कर रहे विदेश मंत्री

उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC के नॉन परमानेंट मेंबर्स से भी बात कर रहे हैं. भारत चाहता है कि पाकिस्तान को डिप्लोमेटिकली पूरी दुनिया में अलग कर दिया जाए. UNSC में 10 नॉन परमानेंट मेंबर हैं, जिनमें से पाकिस्तान भी एक है लेकिन विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर ने पाकिस्तान को छोड़कर बाकी 9 देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है और उन्हें पहलगाम आतंकी हमले की जानकारी दी है. भारत का मकसद संभावित जवाबी कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है.

ये सब इसीलिए हो रहा है कि ताकि दुनिया को ये मैसेज दे सकें कि जब हम पाकिस्तान में अटैक करके अपने दुश्मनों को खत्म करेंगे तो फिर दुनिया का कोई भी देश पाकिस्तान की मदद के लिए ना आए इसीलिए विदेश मंत्री ने दक्षिण कोरिया, अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गयाना, पनामा, स्लोवेनिया, सिएरा लियोन और सोमालिया के विदेश मंत्रियों से बात की. ये सारे देश इस वक्त UNSC के नॉन परमानेंट मेंबर हैं.

ये बात तो पूरी दुनिया को पता है कि जब अफगानिस्तान पर सोवियत संघ ने हमला किया तो अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने ही सोवियत संघ से लड़ने के लिए मुजाहिद्दीन तैयार किए. इसके बदले में पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से अरबों डॉलर्स मिले, लेकिन नतीजा ये हुआ कि सोवियत-अफगान वॉर खत्म होने के बाद भी जिहाद खत्म नहीं हुआ. फिर 90 के दशक में पाकिस्तान ने कश्मीर को जिहाद की आग में झोंकना शुरू किया, जो आज तक जारी है. 

2008 में हुआ मुंबई का 26/11 हमला तो पूरी दुनिया के सामने है, जिसमें पाकिस्तान से ही आतंकवादी आए थे. उनकी ट्रेनिंग पाकिस्तान में ही हुई थी. पाकिस्तान के आतंक का जिंदा सबूत अजमल कसाब था. फिर मई 2011 में दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी अल-कायदा का ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान में ही मिला था. अमेरिका की स्पेशल फोर्सेस ने पाकिस्तान के एबोटाबाद में ओसामा को मार गिराया था.

पाकिस्तान इस बात से तो इनकार ही नहीं कर सकता है कि आतंकवाद से उसका कोई लेना देना नहीं है. ये सच तो पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी कुछ दिनों पहले स्वीकार कर चुके हैं. लेकिन अब पाकिस्तान की करतूतों का यही कच्चा चिट्ठा भारत ने पूरी दुनिया के सामने रख दिया है. अब पाकिस्तान दुनिया में घूमकर कुछ भी बोले लेकिन दुनिया जानती है कि वो आतंक का पोषक है, आतंक का अन्नदाता है.



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