पीलीभीत से सनी गिरफ्तार, मारे गए खालिस्तानी आतंकियों की कर रहा था मदद – Sunny who helped the Khalistani terrorists killed in Pilibhit was arrested and sent to jail lclcn
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हुए पुलिस मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने के बाद एनआईए, यूपी एटीएस सहित कई केंद्रीय एजेंसियां जांच में लगी हुई है. यहां बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों पर आरोपियों की तस्वीरें दिखाकर जानकारी जुटाई जा रही है. इस बीच पीलीभीत पुलिस ने खालिस्तान आतंकवादियों के मददगार सनी उर्फ जसपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जानकारी के मुताबिक, सनी उर्फ जसपाल ने तीनों खालिस्तानी आतंकियों को पीलीभीत के होटल हरजी में कमरा दिलाने में मदद की थी. होटल के सीसीटीवी में सनी फोन पर बात करता हुआ नजर आया था. पुलिस का कहना है कि लंदन में बैठे किसी शख्स ने सनी को तीनों आतंकियों के फर्जी आधार कार्ड भेजे थे. इसकी मदद से सनी उर्फ जसपाल ने तीनों आतंकियों के लिए होटल हरजी में कमरा बुक कराया था. फिलहाल पुलिस ने सनी को जेल भेज दिया है.
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दरअसल, पीलीभीत के पूरनपुर में सोमवार सुबह खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के मामले में बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने 23 दिसंबर की सुबह 4:35 पर खुद कलानौर थाने के इंस्पेक्टर कपिल कौशल को तीनों आतंकियों के पूरनपुर में होने की जानकारी दी थी. पंजाब पुलिस के द्वारा इंस्पेक्टर पूरनपुर को सूचना देने के ठीक 32 मिनट बाद खमरिया तिराहे पर तैनात सिपाही ने सुबह 5:7 पर इंस्पेक्टर को बाइक से तीन लड़कों के भागने का इनपुट दिया था. जिसके बाद सुबह 5:30 तीनों संदिग्धों को चारों तरफ से पुलिस टीमों ने घेरा तो उन्होंने माधोटांडा के संधू फार्म रास्ते में पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी थी.

पुलिस पार्टी पर फायरिंग की सूचना के बाद एसपी अविनाश पांडे अपने पीआरओ के साथ मुठभेड़ वाली जगह पहुंचे थे. दर्ज एफआईआर में एसपी पीलीभीत अविनाश पांडे की ‘बहादुरी’ को भी लिखा गया. एफआईआर कॉपी में लिखा है- ‘टीम का नेतृत्व करते हुए आमने-सामने की मुठभेड़ में फायरिंग करते हुए आगे बढ़ते गए और गोलियां उनके शरीर के आसपास से निकल रही थीं. इस जोखिम भरी मुठभेड़ में किसी भी क्षण किसी भी पुलिसकर्मी की जान जा सकती थी. संपूर्ण पुलिस टीम द्वारा विभिन्न दशाओं और दिशाओं से आवश्यकता अनुसार आत्मरक्षार्थ बदमाशों की ओर फायर किए गए. जिससे एक बदमाश बाइक के समीप गिर पड़ा और उसके मुंह से चीख और कराह निकल रही थी. कुछ देर बाद अन्य बदमाशों की तरफ से चीख की आवाज आई और फायरिंग बंद हो गई. पास में जाकर देखा तो तीनों घायल पड़े हुए थे.’
इसके बाद पंजाब पुलिस ने गोली लगने से घायल हुए आतंकियों की पहचान की. उन्हें अस्पताल ले जाया, जहां तीनों को डेड डिक्लियर कर दिया गया. यूपी पुलिस के मुताबिक, खालिस्तानी आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में एसपी पीलीभीत अविनाश पांडे ने अपनी सरकार सरकारी पिस्टल से दो फायर किए थे. इस पूरी मुठभेड़ में एसपी पीलीभीत के साथ-साथ दो इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर ने कुल 7 गोलियां चलाई थी. जबकि, पंजाब पुलिस की तरफ से कुल 8 राउंड गोली चलाई गई थी.
वहीं, आतंकियों की तरफ से चलाई गई गोली से बरेली पुलिस के दो सिपाही घायल हो गए. एक गोली इंस्पेक्टर पूरनपुर, एक गोली इंस्पेक्टर माधवटांडा के बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी थी. दोनों बाल-बाल बच गए. पंजाब पुलिस और यूपी पुलिस की तरफ से कुल 15 गोलियां चली थीं. जबकि, आतंकियों ने पुलिस पर 22 गोली चलाई थी. आतंकियों के पास से बरामद एके-47 से 15 और ग्लॉक पिस्टल से 7 गोलियां फायर की गई थीं. खालिस्तानी आतंकियों के पास से बरामद बाइक पीलीभीत के पूरनपुर से ही चोरी हुई थी. मारे गए आतंकी चुराई बाइक से घूम रहे थे. उनके पास से बाइक, हथियार, कारतूस आदि बरामद हुआ है.