बेटे की शादी नहीं, सुरेंद्र सागर पर इस वजह से हुआ एक्शन… खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ने दी सफाई – BSP supremo Mayawati herself gave clarification on action against Surendra Sagar ntc
पांच बार रामपुर के बसपा जिला अध्यक्ष रहे सुरेंद्र सागर को पार्टी से निकाले जाने का मामला तूल पकड़ा तो मायावती की सफाई भी आ गई. दरअसल, सुरेंद्र सागर को पार्टी से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने समाजवादी पार्टी के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से अपने बेटे की शादी कर दी. त्रिभुवन दत्त भी कभी बसपा से सांसद विधायक रह चुके हैं. लेकिन अब सपा के विधायक हैं.
आलोचना होने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सफाई देते हुए कहा है कि सपा विधायक की बेटी से सुरेंद्र सागर के बेटे की शादी की वजह से उन्हें पार्टी से नहीं निकाला गया बल्कि रामपुर में दो नेताओं की लड़ाई की वजह से यह कदम उठाया गया है. मायावती ने X पर पोस्ट में लिखा, “रामपुर जिले का पूर्व पार्टी अध्यक्ष सुरेन्द्र सागर और पार्टी अध्यक्ष प्रमोद कुमार का आपसी झगड़ा चरम पर था, जिससे पार्टी का कामकाज प्रभावित हो रहा था. तब दोनों को एक साथ निकाला गया, जिसका शादी-विवाह का कोई सम्बन्ध नहीं है.
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‘दुष्प्रचार करने वालों को सतर्क रहने की जरूरत’
उन्होंने आगे कहा, “कौन किससे शादी करता है, किसके पारिवारिक संबंध किससे हैं, पार्टी को इससे कोई लेना देना नहीं. यह दो व्यक्तियों की आपसी रिश्तों और सोच पर निर्भर करता है. जो लोग ये दुष्प्रचार कर रहे हैं, ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है.”
मायावती ने पार्टी के कॉर्डिनेटर मुनकाद अली के लड़के की शादी में बसपा नेताओं को रोके जाने के मामले में भी एक्स पर लिखा. उन्होंने कहा कि मुनकाद अली की बेटी समाजवादी पार्टी से मीरापुर का उपचुनाव लड़ रही थी, और यहां से बसपा भी चुनाव लड़ रही थी. ऐसे में मुनकाद अली के बेटे की शादी में उनके घर जाने पर संघर्ष की संभावना थी, इसलिए उन्हें रोका गया था.
बरेली मंडल के बड़े नेता हैं सुरेंद्र सागर
बता दें कि बरेली मंडल में सुरेंद्र सागर बसपा के बड़े नेता माने जाते थे. वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. साल 2022 में मिलक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं. सुरेंद्र सागर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और अनुशासनहीनता के आरोप लगाए गए हैं. इसके बाद पार्टी ने जिला प्रभारी रहे ज्ञान प्रकाश बौद्ध को नया जिलाध्यक्ष बनाया है. हालांकि, सुरेंद्र सागर का कहना है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की. सिर्फ अपने बेटे की शादी समाजवादी पार्टी के सपा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से की है.
इससे पहले मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने की वजह से नवंबर में पूर्व मंडल प्रधान प्रभारी प्रशांत गौतम को भी मायावती ने निकाल दिया था.