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‘भारत को पाकिस्तान नहीं, चीन पर फोकस करना चाहिए’, ब्रिटिश एक्सपर्ट ने की ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ – UK expert warns US risks in South Asia India should focus on China not Pakistan ntc


किंग्स कॉलेज लंदन में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. वॉल्टर लैडविग ने दक्षिण एशिया में अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत को अपने ध्यान को पाकिस्तान से हटाकर चीन जैसी बड़ी रणनीतिक चुनौती पर केंद्रित करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अमेरिका का लंबे समय से लक्ष्य भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में विकसित करना रहा है, और क्षेत्रीय संघर्ष इस दिशा को कमजोर करता है. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सटीक क्षमताओं की प्रशंसा की.

लैडविग ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के दौर से लेकर अब तक अमेरिका की हर सरकार भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बनाने की दिशा में काम करती रही है. अगर भारत पाकिस्तान के साथ संघर्ष में उलझा रहता है, तो उसका ध्यान एशिया की बड़ी तस्वीर से भटक सकता है और यह अमेरिका के हित में नहीं है.”

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भारत की नीतियों में बड़ा बदलाव
उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा किए गए हवाई हमले यह दिखाते हैं कि अब भारत ने रक्षात्मक रणनीति से निकलकर आक्रामक आतंकवाद विरोधी नीति अपनाई है. उन्होंने कहा, “पहले भारत सरकारें आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं के लिए सबूत इकट्ठा करती थीं, लेकिन अब यह नीति बन चुकी है कि यदि कोई देश अपने क्षेत्र में आतंकी संगठनों को पनाह देने से नहीं रोकता, तो भारत सीधा सैन्य जवाब दे सकता है.”

अमेरिका के लिए क्यों जरूरी है भारत की स्थिरता
लैडविग ने यह भी कहा कि भारत की लगभग 7% की आर्थिक वृद्धि दर बहुत प्रभावशाली है, लेकिन उसे अपने सभी विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इससे भी तेज गति से बढ़ने की आवश्यकता है. “पाकिस्तान के साथ लम्बा संघर्ष इस विकास को खतरे में डाल सकता है, और यही कारण है कि अमेरिका के लिए भी यह जरूरी है कि भारत-PAK तनाव न बढ़े.”

युद्धविराम और स्वतंत्र निर्णय
हाल के युद्धविराम प्रयासों पर लैडविग ने कहा कि यह डी-एस्केलेशन दोनों देशों की इच्छा से अधिक प्रेरित था, न कि विदेशी मध्यस्थता से. उन्होंने स्पष्ट किया, “भारत और पाकिस्तान ने सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी रोकने के लिए एक समझौता किया. यह दोनों पक्षों की इच्छा से हुआ और इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वर्णित दबाव या मध्यस्थता की कोई भूमिका नहीं थी.” 

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इसके अलावा, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सटीक सैन्य क्षमताएं और सार्वजनिक संवाद में बेहतर प्रदर्शन की भी सराहना की. उन्होंने कहा, “भारत ने पाकिस्तान की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से ऑपरेशन चलाए और उनकी तस्वीरें व जानकारियां सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं, जो भारतीय दावों को मजबूत करती हैं.”



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