मणिपुर: भीड़ ने SP ऑफिस पर फेंके पत्थर और पेट्रोल बम, कांगपोकपी के एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल – Manipur Mob threw stones and petrol bombs at SP office many policemen including Kangpokpi SP injured ntc
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में फिर से हिंसा भड़क गई. हिंसक भीड़ ने पुलिस अधीक्षक के ऑफिस पर पथराव और पेट्रोल बम से हमला कर दिया है, जिससे एसपी मनोज प्रभाकर घायल हो गए और कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सुरक्षाबलों ने भीड़ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पर्याप्त बल का प्रयोग किया और स्थिति पर काबू पा लिया है.
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी कांगपोकपी जिले में साइबोल गांव में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को वापस लेने की मांग करते हुए सीओटीयू के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे. तभी हिंसक भीड़ ने पुलिस अधीक्षक कांगपोकपी के कार्यालय पर पथराव और पेट्रोल बम से हमला किया. इस घटना में कांगपोकपी जिले के एसपी मनोज प्रभाकर के माथे पर चोट लगी है. साथ ही एसपी ऑफिसर परिसर में खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
नियंत्रण में है स्थिति
अधिकारी ने बताया कि एसपी का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. अब स्थिति नियंत्रण में है और वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए संयुक्त सुरक्षा बलों भारी संख्या में तैनाती की गई है.
कई पुलिस कर्मियों के लगी चोट
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों और हमलावरों के बीच झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों सहित कई अन्य लोगों को भी चोटें आईं. घटना में घायल हुए कई अन्य लोगों को भी अस्पतालों में ले जाया गया.
अधिकारी के अनुसार, साइबोल गांव में 31 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर कथित लाठीचार्ज के खिलाफ कुकी संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. और गांव में केंद्रीय बलों विशेषकर बीएसएफ और सीआरपीएफ की निरंतर तैनाती पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए दोपहर से ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एसपी कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए थे.
COUT ने बुलाया था बंद
पिछले हफ्ते, सुरक्षाबलों ने समूहों के बीच गोलीबारी के बाद गांव और उसके परिधीय क्षेत्रों में अभियान चलाया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हो गए थे. ऑपरेशन के बाद कांगपोकपी जिला स्थित आदिवासी एकता समिति (सीओटीयू) ने राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (इम्फाल से दीमापुर) के महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग पर अनिश्चितकालीन नाकाबंदी कर दी थी. सीओटीयू ने शुक्रवार को जिले में 24 घंटे का बंद भी बुलाया था.
मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.