मातृशक्ति के भरोसे AAP! क्या दिल्ली में केजरीवाल को जीत दिलाएगा ₹2100 वाला ‘क्रेडिट कार्ड’ – mahila samman yojana Direct money into women accounts delhi government scheme ntc
फिल्मी डायलॉग में बदलाव करके नेता अब कहने लगे हैं कि ‘ओ स्त्री चुनाव में रक्षा करना’. ये बात इसलिए क्योंकि महिलाओं के खाते में सीधा पैसा देकर चुनाव जीतने का जो सिलसिला मध्य प्रदेश से शुरू हुआ अब वो वादों की डोर पकड़कर दिल्ली तक आ पहुंचा है. दिल्ली में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने के वादे की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है.
किस राज्य में कितना बजट?
देश के नक्शे पर अगर देखें कि इस वक्त कहां-कहां महिलाओं के खाते में सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने वाली योजनाएं चल रही हैं और उनका बजट कितना है, तो महाराष्ट्र में महायुति की सरकार लाडली बहना योजना पर 35,000 करोड़ रुपए सालाना खर्च कर रही है, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने गृह लक्ष्मी योजना के लिए 28,608 करोड़ रुपए का बजट महिलाओं के लिए रखा है.
झारखंड में मंइयां योजना चल रही है. इसमें साल भर में 16 हजार 800 करोड़ रुपए खर्च होना है. पश्चिम बंगाल की लक्ष्मी भंडार योजना में 12 हजार करोड़ रुपए सालाना का खर्च है. तमिलनाडु में भी ऐसी योजना में 13,720 करोड़ रुपए का सालाना खर्चा है.
छोटे-छोटे राज्य भी चला रहे योजनाएं
मध्य प्रदेश, जहां सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना ने जीत दिलाई, उसमें सालाना 18,984 करोड़ रुपए का बजट है. आंध्र प्रदेश में दस हजार करोड़ रुपए, छत्तीसगढ़ में नौ हजार 600 करोड़ रुपए, असम, हिमाचल प्रदेश यहां तक कि गोवा जैसे छोटे राज्य में भी ऐसी योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है. इसकी वजह है- जीत की गारंटी. भले इसके लिए राज्यों को दूसरे खर्च उठाना मुश्किल हो जाए.
दिल्ली सरकार की ‘महिला सम्मान योजना’
दिल्ली सरकार की महिला सम्मान योजना का ऐलान दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर किया गया है. इस योजना में, हर योग्य महिला को 2100 रुपये मासिक सहायता देने का वादा किया गया है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत, महिलाओं को एक प्लास्टिक कार्ड दिया जाएगा, और यह कार्ड एक्टिव होने के बाद ही वे इस राशि का लाभ प्राप्त कर सकेंगी. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद इस योजना की शुरुआत की और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सार्वजनिक किया.
विपक्ष ने कहा ‘लोकलुभावन वादा’
विपक्षी दलों ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए इसे केवल चुनावी लोकलुभावन वादा करार दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने इस योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर केजरीवाल पंजाब में महिलाओं को आज तक पैसे नहीं दे पाए, तो दिल्ली में यह कैसे संभव हो सकता है?” वहीं, बीजेपी ने इसे महज एक चुनावी झांसा बताते हुए कहा कि यह योजना केवल वोट बटोरने के लिए बनाई गई है और इसके लिए दिल्ली के खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा.
बीजेपी ने लगाया आरोप
बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल का यह वादा भी पंजाब में महिलाओं को दिए जाने वाले पैसे जैसा ही साबित होगा, जहां वादे के बावजूद आज तक कोई पैसा महिलाओं के खाते में नहीं गया. यह भी कहा कि अगर इस योजना को लागू किया गया तो दिल्ली सरकार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि 38 लाख महिलाओं को 2100 रुपये देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होगा. यह स्थिति उस समय सामने आई है जब दिल्ली सरकार पहले से ही सब्सिडी पर भारी खर्च कर रही है.