मार्जिनल रिलीफ, रिबेट और स्पेशल इनकम का गणित… 21 जवाबों से दूर कीजिए कंफ्यूजन – budget 2025 new tax slab for middle class No income tax payable up to Rs 12 lakh income faq ntc
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स में बड़ी राहत की उम्मीदों को पूरा किया. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को इनकम टैक्स में एक भी रुपया नहीं देना होगा. साथ ही उन्होंने नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में फेरबदल का भी प्रस्ताव रखा.
बजट में प्रस्तावित इनकम टैक्स परिवर्तनों के अनुसार, वेतनभोगी (Salaried) कर्मचारियों को मानक कटौती के लाभ को ध्यान में रखते हुए 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर प्रभावी रूप से कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह प्रभावी छूट सीमा 7.75 लाख रुपये थी. निर्मला सीतारमण ने नई इनकम टैक्स व्यवस्था के स्लैब ढांचे में भी बदलाव की घोषणा की, जिसमें शून्य इनकम टैक्स वाले पहले स्लैब को 0-3 लाख रुपये से बढ़ाकर 0-4 लाख रुपये कर दिया गया.
हालांकि अभी भी तमाम लोग ऐसे हैं, जिन्हें इस नई टैक्स स्लैब को लेकर कंफ्यूजन है. ऐसे में निम्न 21 सवालों के जवाब से इस कंफ्यूजन को दूर किया जा सकता है-
1. ‘New Regime’ क्या है?
यह एक नई टैक्स व्यवस्था है, जिसमें टैक्स की दरें कम हैं और टैक्स स्लैब भी आसान हैं. लेकिन इसमें कुछ विशेष छूट जैसे 80C, 80D आदि नहीं मिलतीं.
2. पुरानी नई व्यवस्था में टैक्स स्लैब क्या थे?
2024 के बजट में नई व्यवस्था के अनुसार आय के हिसाब से टैक्स स्लैब कुछ इस तरह थे-
-0 से 3 लाख तक: कोई टैक्स नहीं
-3 लाख से 7 लाख तक: 5%
-7 लाख से 10 लाख तक: 10%
-10 लाख से 12 लाख तक: 15%
-12 लाख से 15 लाख तक: 20%
-15 लाख से ऊपर: 30%
3. 2025 के बजट में प्रस्तावित नए स्लैब क्या हैं?
अब टैक्स स्लैब कुछ इस तरह होंगे:
-0-4 लाख तक: कोई टैक्स नहीं
-4-8 लाख तक: 5%
-8-12 लाख तक: 10%
-12-16 लाख तक: 15%
-16-20 लाख तक: 20%
-20-24 लाख तक: 25%
-24 लाख से ऊपर: 30%
4. कितनी इनकम पर टैक्स जीरो होगा?
अगर किसी व्यक्ति की इनकम 12 लाख रुपये तक है और वह नई व्यवस्था के तहत टैक्स भरता है, तो उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा.
5. क्या पुरानी व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है?
हां, पुरानी व्यवस्था में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है.
6. नई व्यवस्था में सैलरी पर स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है?
हां, नई व्यवस्था में टैक्स पेयर्स को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन उपलब्ध है. इसलिए, जहां स्टैंडर्ड डिडक्शन से पहले टैक्स पेयर की आय 12,75,000 रुपये से कम या उसके बराबर है तो उसको कोई टैक्स नहीं देना होगा.
7. टैक्स फ्री इनकम का लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा?
केवल नई टैक्स रिजिम को चुनकर आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना अनिवार्य होगा. अन्य कोई अतिरिक्त प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी.
8. नए टैक्स स्लैब से किन लोगों को लाभ मिलेगा?
यह बदलाव सभी प्रकार के टैक्स पेयर्स (व्यक्तिगत, हिंदू अविभाजित परिवार आदि) के लिए फायदेमंद है, जो नई कर व्यवस्था अपनाते हैं.
9. ₹12 लाख आय वाले व्यक्ति को क्या लाभ मिलेगा?
पहले ₹12 लाख आय पर ₹80,000 का टैक्स देना पड़ता था, जो अब रिबेट देते हुए इसे ₹0 कर दिया गया है.
10. क्या बजट 2025 में NIL टैक्स भुगतान की सीमा बढ़ी है?
हां, अब यह सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई है.
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11. 12,10,000 रुपये की आय वाले टैक्स पेयर्स को कितना टैक्स देना होगा? मार्जिनल रिलीफ क्या है?
12 लाख पर तो 0 टैक्स है. लेकिन 12 लाख 10 हजार पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स बनेगा पूरे 61,500 रुपये. ऐसे लोग मायूस ना हों, इसके लिए सरकार मार्जिनल रिलीफ का ऑप्शन लाई है. इस स्थिति में 61,500 रुपये की जगह सिर्फ 10 हजार टैक्स देना होगा. बाकी नीचे टेबल के जरिए समझें-
12. नए स्लैब से कितने टैक्स पेयर्स लाभान्वित होंगे?
लगभग 8.75 करोड़ टैक्स पेयर्स इस बदलाव से लाभान्वित होंगे.
13. इस बदलाव से सरकार को कितना राजस्व घाटा होगा?
सरकार को लगभग ₹1 लाख करोड़ का राजस्व घाटा होगा, लेकिन इससे नागरिकों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी.
14. किसी भी टैक्स पेयर को मिलने वाली छूट की अधिकतम राशि क्या है?
अधिकतम छूट 60,000 रुपये है जो 12 लाख रुपये की आय वाले टैक्स पेयर्स के लिए है, जिस पर नए स्लैब के अनुसार कर देय है.
15. इस परिवर्तन से टैक्स पेयर्स को कितनी अतिरिक्त राशि मिल सकती है?
इन बदलावों के कारण टैक्स पेयर्स के हाथों में करीब 1 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त आएंगे.
16. विभिन्न श्रेणी के टैक्स पेयर्स (0-24 लाख) के लिए टैक्स लाभ क्या है?
इसे आसान भाषा में निम्न टेबल से समझें-
17. क्या कैपिटल गेन, लॉटरी आदि जैसी स्पेशल इनकम भी रिबेट के लिए पात्र होगी?
कैपिटल गेन या लॉटरी और किसी अन्य आय जिस पर अधिनियम में विशेष दर का प्रावधान किया गया है, से होने वाली आय पर कोई रिबेट उपलब्ध नहीं है. यह केवल धारा 115BAC के तहत स्लैब के अनुसार देय टैक्स पर उपलब्ध है.
18. व्यक्तियों को मार्जिनल रिलीफ कैसे उपलब्ध है?
मार्जिनल रिलीफ केवल उन टैक्स पेयर्स को मिलती है जिनकी आय 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक है, ताकि उन्हें 12 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति जैसा ही कर भुगतान करना पड़े
19. क्या कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) में कोई बदलाव किया गया है?
हां, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIP) की आय को अब कैपिटल गेन के रूप में टैक्स किया जाएगा.
20. कुल आय क्या है जिस तक मार्जिनल रिलीफ स्वीकार्य है?
मार्जिनल रिलीफ लगभग 12,75,000 रुपये तक की आय पर उपलब्ध होती है.
21. रिबेट और मार्जिनल रिलीफ के बीच क्या अंतर है?
रिबेट टैक्स कटौती है जो नई व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्स पेयर्स के लिए उपलब्ध है. मार्जिनल रिलीफ यह सुनिश्चित करती है कि जिनकी आय 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक है, वे 12 लाख रुपये के बराबर कर ही दें, न कि अधिक.