Blog

यमुना की सफाई, सड़कों का निर्माण और रोजगार…. दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता के सामने चुनौतियों का अंबार – Delhi new CM Rekha Gupta so many challenges like Cleaning of Yamuna construction of roads and employment ntc


दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की 27 साल बाद सरकार बनने जा रही है. बीजेपी की विधायक दल की बैठक में सीएम पद के लिए रेखा गुप्ता के नाम पर फाइनल मुहर लग गई है. रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हैं. इस बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए थे. 

रेखा गुप्ता आज रामलीला मैदान में भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके कैबिनेट सहयोगी और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सहित करीब 50,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के साथ ही रेखा गुप्ता के सामने ये 6 बड़ी चुनौतियां भी होंगी.  ये वो बड़े काम हैं जो आम आदमी पार्टी की सरकार में पूरे नहीं हो पाए…

ये भी पढ़ें- हरियाणा में जन्म, 2007 में पार्षद और अब दिल्ली की मुख्यमंत्री… 8 तस्वीरों में देखें रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर
 
1. यमुना की सफाई का जिम्मा

भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत का सबसे बड़ा मुद्दा यमुना की सफाई का था. यमुना के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को जमकर घेरा गया. खुद प्रधानमंत्री ने अपनी रैलियों से यमुना का मुद्दा उठाया था. बता दें कि एनजीटी ने यमुना नदी की सफाई के लिए 2023 में एक कमेटी बनाई थी, कमेटी का चेयरमैन एलजी वीके सक्सेना को बनाया गया था, लेकिन तत्कालीन आम आदमी पार्टी सरकार एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई. तत्कालीन दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि यमुना में प्रदूषण का मुद्दा गंभीर तो है, लेकिन इसके ऊपर दिल्ली सरकार का बजट खर्च होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद 11 जुलाई 2023 को एनजीटी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें यमुना सफाई कमेटी का अध्यक्ष उपराज्यपाल को बनाया गया था. अब यमुना की सफाई की जिम्मेदारी बीजेपी की सरकार के कंधे पर है. यमुना की सफाई शुरू हो चुकी है और अधिकारियों ने 2027 तक यमुना की सफाई को पूरा करने का टारगेट रखा है. क्या वे यमुना नदी को साफ और स्वच्छ बना पाएंगी, यह तो समय ही बताएगा.

2. आयुष्मान योजना को लागू करना 

केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना लागू की थी, लेकिन तत्कालीन केजरीवाल सरकार ने आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू नहीं की, उनका तर्क था कि दिल्ली सरकार की हेल्थ योजना केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से बेहतर हैं. सरकार बनने के साथ ही भाजपा अपनी पहली कैबिनेट में दिल्ली में आयुष्मान योजना लागू करेगी, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से 5 लाख का इलाज किया जा सकेगा. इसके साथ ही दिल्ली सरकार की तरफ से भी 5 लाख का अतिरिक्त इलाज इस योजना के तहत दिल्लीवालों को मिलेगा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी का मेनिफेस्टो जारी करते वक्त दिल्ली की जनता से ये वादा किया था, अब उसे पूरा करना रेखा गुप्ता की जिम्मेदारी होगी. 

3. डीटीसी बसों की खरीद 

भारतीय जनता पार्टी लंबे वक्त से आरोप लगा रही थी कि पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 10 साल में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं खरीदी. हालांकि प्राइवेट क्लस्टर बसों को मंजूरी जरूर दी गई. डीटीसी की इलेक्ट्रॉनिक बसें जो सड़कों पर दौड़ भी रही हैं, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से प्रदूषण कम करने के लिए और दिल्ली की जनता की समस्या सुलझाने के लिए दी गई हैं. इतना ही नहीं, पुरानी बसों का ब्रेकडाउन 30 फीसदी तक बढ़ गया है, जो पहले 5% हुआ करता था. बीजेपी का आरोप है कि खराब बसों को ठीक करने के नाम पर केजरीवाल ने करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया. बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में दावा किया था कि सरकार बनने के साथ ही दिल्ली की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को बेहतर करने के लिए डीटीसी की बसों को खरीदा जाएगा. बीजेपी सरकार डीटीसी की लगभग 13000 बसों को दिल्ली की सड़कों पर लाएगी. इसका जिम्मा रेखा गुप्ता पर होगा.

ये भी पढ़ें- बीजेपी ने रेखा गुप्ता पर क्यों लगाया दांव, दिग्गजों को पछाड़ दिल्ली को कैसे मिली महिला मुख्यमंत्री

4. रोजगार के मुद्दे को हल करना चुनौती

बीजेपी की सरकार हो या आम आदमी पार्टी की या फिर कांग्रेस… बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा रहा है. आम आदमी पार्टी की 2013 में जब सरकार बनी थी, तब स्कूल में शिक्षकों की भर्ती हो या फिर बस मार्शल की भर्ती. इन मुद्दों पर आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई थी और दावा किया था कि 10 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा, लेकिन लंबे वक्त से ना तो सरकारी स्कूलों में भर्ती हुई और जो कॉन्ट्रैक्ट बेस पर बस मार्शल की तनाती हुई थी, उनको भी बाहर कर दिया गया. जिन्होंने पिछली केजरीवाल सरकार के खिलाफ खूब प्रदर्शन भी किया. अब रेखा गुप्ता के सामने इस समस्या को हल करना बड़ी चुनौती होगी. बीजेपी ने अपने मनिफेस्टो मे रोजगार देने का वादा किया है, जिसे 100 दिन के रोडमैप में तैयार करके पूरा करना होगा.

5. सड़कों का निर्माण और विस्तार 

अरविंद केजरीवाल के चुनाव हारने के पीछे सबसे बड़ी वजह दिल्ली का डेवलपमेंट ना होना था, जिसमें जर्जर सड़कें सबसे बड़ा मुद्दा था. दिल्ली की ज्यादातर सड़कें टूटी हुई हैं. दिल्ली में लगने वाला ट्रैफिक जाम भी बड़ी समस्या है, जिसके कारण प्रदूषण भी बढ़ता है. इस मुद्दे पर पिछली केजरीवाल सरकार ने 10 साल में कुछ नहीं किया. अब रेखा गुप्ता के आगे इस मुद्दे का समाधान करना चुनौती है. बीजेपी ने वादा किया था कि सरकार बनते ही दिल्ली की टूटी सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा. ट्रैफिक जाम ना लगे, इसके लिए फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- 1 बेटा, 1 बेटी… जानें- दिल्ली की नई CM रेखा गुप्ता के परिवार में कौन-कौन
 
6. झुग्गीवालों को देना होगा नया मकान

बीजेपी, आम आदमी पार्टी पर लगातार ये आरोप लगाती रही है कि वह झुग्गी वालों से वोट तो लेती है, लेकिन उन्हें मकान नहीं देती. दिल्ली के नरेला में 50 हजार मकान बनाकर तैयार थे, ये मकान तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार के दौरान ही बनकर तैयार हो गए थे, लेकिन पिछले 10 साल में केजरीवाल सरकार ने ये मकान गरीबों को अलॉट नहीं किए और जब उनकी मरम्मत के लिए दिल्ली सरकार से 250 करोड़ का फंड मांगा गया, तब केजरीवाल सरकार ने एक लाख रुपया मेंटेनेंस के लिए दिया. चुनाव से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनने के बाद दिल्ली में जितने लोग झुग्गी में रहते हैं, उन्हें नरेला-बवाना में जो फ्लैट बनाकर तैयार हैं, उनकी मरम्मत कर उनको नया मकान दिया जाएगा, जैसे कालकाजी में दिया गया है. अब इस वादे को जल्द पूरा करने की जिम्मेदारी रेखा गुप्ता की होगी.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *