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‘मैं राहुल पर नहीं करूंगा टिप्पणी… मेरी लड़ाई देश बचाने की है’, कांग्रेस नेता पर केजरीवाल का पलटवार – After Rahul Gandhi rally Kejriwal targeted Congress leader said I will not comment on Rahul ntc


दिल्ली में राहुल गांधी की रैली के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मैं राहुल के बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. वह कांग्रेस बचाने के लिए लड़ रहे हैं, जबकि मेरी लड़ाई देश बचाने की है.

दरअसल, राहुल गांधी सोमवार को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में कांग्रेस के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जातिगत जनगणना के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, क्योंकि वे पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को उनका उचित हिस्सा नहीं देना चाहते.

राहुल के हमले के बाद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता पर पलटवार किया और एक्स पर लिखा, ‘आज राहुल गांधी दिल्ली आए. उन्होंने मुझे बहुत गालियां दीं, पर मैं उनके बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. उनकी लड़ाई कांग्रेस बचाने की है, मेरी लड़ाई देश बचाने की है.’

‘BJP की रणनीति फोलो करते हैं केजरीवाल’

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली जनसभा में कांग्रेस सांसद ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल राजधानी में बढ़ते प्रदूषण, भ्रष्टाचार और महंगाई के बावजूद प्रचार और झूठे वादों की मोदी की रणनीति का फोलो कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनने पर दिल्ली में जाति सर्वेक्षण कराने का भी वादा किया है.

‘दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण और भ्रष्टाचार’

राहुल ने सीलमपुर में अपनी ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘केजरीवाल ने कहा था कि वह दिल्ली को साफ कर देंगे, भ्रष्टाचार हटा देंगे और राष्ट्रीय राजधानी को पेरिस बना देंगे.’ ‘सच में क्या हुआ- प्रदूषण के कारण कोई घूम नहीं सकता और महंगाई बढ़ रही है. अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार हटाने की बात की थी. क्या उन्होंने भ्रष्टाचार हटा दिया है? पीएम मोदी  के झूठे वादों का प्रचार करने की तरह, वह भी उसी रणनीति को फोलो कर रहे हैं… दिल्ली में प्रदूषण, भ्रष्टाचार और महंगाई बढ़ रही है.’

बता दें कि कांग्रेस और AAP इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं. दोनों दलों ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं. वहीं, आप के उदय के साथ दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस की हिस्सेदारी लगाभग खत्म हो गई है  और वह पिछले दो विधानसभा चुनावों में अपना खाता खोलने में विफल रही है.





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