वजीरपुर की रैली में केजरीवाल को दिखाए गए काले पोस्टर, पूर्व सीएम को बताया ‘झुग्गी विरोधी’ – Black posters shown to Arvind Kejriwal at Delhis Wazirpur rally lclnt
दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार करने पहुंचे अरविंद केजरीवाल को वजीरपुर की रैली में काले पोस्टर दिखाए गए. लोगों ने तख्तियां लेकर ‘अरविंद केजरीवाल झुग्गी विरोधी’ के नारे लगाए. इस बीच रैली में केजरीवाल ने कहा कि हमने पिछले 10 सालों में बहुत काम किया है और आने वाले सालों में और भी काम करेंगे. पहले दिल्ली में बिजली कटौती होती थी, लेकिन आज दिल्ली में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाती है.
‘BJP सत्ता में आई तो मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर देगी’
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चुनावी घोषणापत्र को ‘देश के लिए खतरनाक’ बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि BJP दिल्ली में मुफ्त स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं खत्म करना चाहती है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने BJP के घोषणापत्रों को जनता के खिलाफ बताते हुए कहा कि अगर BJP सत्ता में आती है तो वह सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर देगी. उन्होंने कहा, ‘BJP सत्ता में आई तो मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं खत्म कर दी जाएंगी. इससे गरीबों का जीवन कठिन हो जाएगा. यह आम आदमी की भलाई पर सीधा हमला है.’
घोषणापत्र में क्या है?
BJP ने पिछले शुक्रवार को अपने पहले घोषणापत्र में महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक सहायता, हर गर्भवती महिला को 21,000 रुपये, 500 रुपये में LPG सिलेंडर और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2,500 रुपये की पेंशन का वादा किया था.
मंगलवार को अपने दूसरे घोषणापत्र में BJP नेता अनुराग ठाकुर ने कई योजनाओं की घोषणा की, जिनमें सरकारी संस्थानों में जरूरतमंद छात्रों के लिए नर्सरी से लेकर स्नातकोत्तर तक मुफ्त शिक्षा और UPSC व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 15,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता शामिल है.
क्या हैं केजरीवाल के आरोप?
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि BJP ने अपने घोषणापत्र में सरकारी स्कूलों में केवल ‘जरूरतमंद’ छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने की बात कही है. इसका मतलब है कि बाकी बच्चों के माता-पिता को नेताओं के पास दौड़ना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, ‘BJP के इस कदम का मतलब है कि 18 लाख बच्चों को दी जा रही मुफ्त शिक्षा बंद हो जाएगी. BJP की योजना है कि केवल कुछ छात्रों को ही यह सुविधा मिले, जो अन्य छात्रों और उनके परिवारों के साथ अन्याय है.’