बीजेपी की 27 साल बाद वापसी या फिर से AAP सरकार? आज पता चलेगा दिल्ली के दिल में कौन – Delhi Assembly Election Result Will Aam Aadmi Party form government or BJP make comeback after 27 years Kejriwal PM Modi ntc
देश की राजधानी दिल्ली पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, सभी को इंतजार है शनिवार की सुबह का, वो सुबह जो तय करेगी कि दिल्ली में किसकी सरकार होगी. सुबह 8 बजे से मतगणना होनी है. उससे पहले एग्जिट पोल्स कहते हैं कि अबकी बार बीजेपी के लिए दिल्ली दूर नहीं तो क्या नया इतिहास बनेगा, क्योंकि पिछले 27 साल की राजनीति को देखें तो 1999, 2014, 2019, 2024 चार बार देश का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने जीत लिया, लेकिन दिल्ली में एग्जिट पोल्स के मुताबिक पहली बार अब जीत बीजेपी को मिल सकती है.
दिल्ली की सीमाओं से जुड़े राज्य देखें तो उत्तर प्रदेश में पिछले 27 साल में 3 बार बीजेपी सरकार बना चुकी है, जिसमें से मोदी राज के दौरान 2 बार सरकार यूपी में बन चुकी है. 27 साल के भीतर हरियाणा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बना चुकी है, लेकिन दिल्ली का दरवाजा अब पहली बार बीजेपी के लिए खुल सकता है. दिल्ली में लगातार 6 बार चुनाव हारने के बाद सातवीं बार के चुनाव में एग्जिट पोल कहते हैं कि बीजेपी की बड़ी जीत हो सकती है.
चुनाव में विरोधियों की जुबानी खुद को मिली गालियों की लिस्ट अरविंद केजरीवाल गिनाते रहे. लेकिन क्या एग्जिट पोल सही सााबित हुए तो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली का बेटा बनकर वोट मांगती सियासत पर वोटर झाड़ू फेर सकते हैं?
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दिल्ली में बीजेपी की सरकार और नरेंद्र मोदी को जोड़कर 32 साल के पहिए को अगर घुमाकर देखें तो साल 1993 में जब पहली बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी थी, तब नरेंद्र मोदी पार्टी में कई यात्राओं की जिम्मेदारी निभाने के बाद युवा नेता के तौर पर अमेरिकन काउंसिल ऑफ यंग पॉलिटिकल लीडर्स के कार्यक्रम में पहली बार अमेरिका गए थे. 1998 में जब बीजेपी की विदाई दिल्ली की सत्ता से लंबे वक्त के लिए हो गई थी, तब 21वीं सदी शुरू होने से 2 साल पहले नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय महासचिव संगठन बनाया गया. और अब 2025 में एग्जिट पोल्स में अनुमान है कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार 27 साल बाद बन सकती है, तब नरेंद्र मोदी देश के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री हैं.
क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के आंकड़े?
एग्जिट पोल्स के आधार पर देखें तो दिल्ली में अगर बीजेपी की जीत हुई तो ये सिर्फ नरेंद्र मोदी की जीत कही जाएगी. एग्जिट पोल कहते हैं कि पीएम मोदी ने जो दिल्ली की सेवा करने का मौका जनता से मांगा, वो डेढ़ करोड़ वोटर दे सकते हैं और तब ये जीत किन मायनों में बड़ी है इसे समझिए… नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, ओडिशा जैसे 6 राज्यों में पहली बार बीजेपी का मुख्यमंत्री बनवा दिया. दिल्ली में बीजेपी के 27 साल के सूखे को खत्म करने के लिए तीन चुनाव लग गए. सत्ता में रहते राज्यों में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के मामले में बीजेपी अब तक की सबसे बड़ी पार्टी है. जहां बीजेपी की सफलता दर 61% है, लेकिन दिल्ली में एग्जिट पोल के मुताबिक अनुमान है कि अब ढाई दशक बाद बीजेपी को जीत मिल सकती है.
पीएम मोदी की गारंटी पर ही जनता को भरोसा?
2019 के लोकसभा चुनाव में जिन्होंने बीजेपी को वोट दिया था, उसमें से एक तिहाई ने 2020 विधानसभा में आम आदमी पार्टी को वोट दिया, लेकिन अबकी बार लोकसभा से विधानसभा में होने वाली गिरावट को नरेंद्र मोदी रोकते दिख रहे हैं. 2020 विधानसभा चुनाव तक नरेंद्र मोदी के काम के मुरीद हर 10 में 4 वोटर राज्य के लिए केजरीवाल को पसंदीदा बताते रहे. लेकिन अबकी बार एग्जिट पोल्स के मुताबिक दिल्ली में पीएम मोदी की गारंटी पर ही जनता को भरोसा हो सकता है.
केजरीवाल ने खारिज किए एग्जिट पोल्स के नतीजे
अब तक जो कुछ भी कहा जा रहा है, ये सब एग्जिट पोल्स के अनुमान के आधार पर है, जिसे अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी खारिज करते हैं और कहते हैं कि सरकार तो आम आदमी पार्टी की ही बनेगी, लेकिन देश में 13 एग्जिट पोल्स में से 11 के पोल कहते हैं कि इस बार दिल्ली में कमल का फूल खिल सकता है. वादे मुफ्त…इमेज चुस्त… अरविंद केजरीवाल के पास ये 2 सबसे बड़ी ताकत हर चुनाव में रही, लेकिन क्या अबकी इसी ताकत पर बीजेपी ने धीरे-धीरे करके पहले निशाना साधा और फिर चुनाव में ताबड़तोड़ वादा बेधी बाण चलाए. जैसे महिला वोटर की बात करते हैं जो केजरीवाल की सबसे बड़ी ताकत दो चुनाव में दिखी, लेकिन अबकी बार क्या वही महिला वोटर दिल्ली में ऐतिहासिक रूप से पुरुषों से ज्यादा वोटिंग करके दिल्ली की दूरी बीजेपी के लिए कम कर सकती हैं?
पहली बार कांग्रेस के समर्थन से सीएम बने थे केजरीवाल
2013 यानी वो साल, जब जून के महीने में बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन चुना. उसी साल सिंतबर में मोदी को बीजेपी ने प्रधानमंत्री का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया. 2013 ही वो साल था जब दिल्ली की सियासत में पार्टी बनाकर पहली बार चुनाव लड़ने उतरे अरविंद केजरीवाल हंग असेंबली में कांग्रेस के समर्थन से 49 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने. 12 साल से नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल की राजनीति का केंद्र दिल्ली है.
दिल्ली में पहली बार पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया
दिल्ली के नतीजों से चंद घंटे पहले एग्जिट पोल्स को खारिज करके अरविंद केजरीवाल अपने बड़े नेताओं-उम्मीदवारों के साथ बैठक करते हैं, लेकिन सवाल है कि क्या ये बैठक आत्मविश्वास नतीजों से पहले दिखाने की कोशिश है या परिणाम से पहले का आत्ममंथन? ये सवाल इसलिए क्योंकि दिल्ली की वोटिंग में नया इतिहास बना है. पहली बार दिल्ली में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया है.
चुनाव आयोग का आंकड़़ा कहता है कि 60.21 फीसदी पुरुषों ने मतदान किया 60.92 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया है. प्रतिशत में देखें तो 0.71 महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया. 2020 में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में 0.08% कम मतदान किया था. केजरीवाल को सबसे ज्यादा भरोसा महिला वोटर से ही रहा है, लेकिन क्या महिला वोटर ही अबकी बार केजरीवाल के लिए सबसे बड़े नुकसान की वजह बन सकता है? इसके लिए शनिवार सुबह तक का इंतजार करना होगा.