महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु उमड़े, लेकिन भीड़ को लेकर क्यों नहीं बना वर्ल्ड रिकॉर्ड? – Maha Kumbh More than 66 crore devotees gathered but why no world record made for crowd Guinness Book of World Records ntc
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में आज महाकुंभ के नाम तीन नए वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं. इनमें पहला वर्ल्ड रिकॉर्ड गंगा की सफाई के लिए मिला. पहली बार ऐसा हुआ, जब दुनिया में किसी नदी की सफाई के लिए 329 स्थानों पर सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान चलाया गया. दूसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड झाड़ू लगाने के लिए मिला है, जिसमें 19 हज़ार सफाईकर्मियों ने महाकुम्भ के मेला क्षेत्र में एक साथ झाड़ू लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. और तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड है- हैंड प्रिंट पेंटिंग बनाने का… जिसमें 8 घंटे में 10 हज़ार 102 लोगों ने अपने हाथ की छाप लगाकर चित्रकारी की और एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, लेकिन जिस वर्ल्ड रिकॉर्ड का पूरे भारत को इंतज़ार था, वो वर्ल्ड रिकॉर्ड इस बार कहीं भी दर्ज नहीं हुआ.
45 दिनों के महाकुंभ में 66 करोड़ 30 लोग शामिल हुए, ये रिकॉर्ड दुनिया के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड है ही नहीं और ये आंकड़े कहीं भी World Records की श्रेणी में दर्ज नहीं होंगे और ना ही इसके लिए सरकार को कोई सर्टिफिकेट मिलेगा. हालांकि सरकार ने अब तक इसकी वजह स्पष्ट नहीं की है, लेकिन हमने जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक इस तरह के वर्ल्ड रिकॉर्ड तभी दर्ज होते हैं, जब सरकार इसके बारे में अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को सूचित करती है और उन्हें ये बताती है कि इस बार वो एक आयोजन में सबसे ज्यादा भीड़ आने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले हैं.
आज हमारे लिए महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, लेकिन दुनिया इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड नहीं मानती. हो सकता है कि सरकार को उम्मीद ही नहीं थी कि इस बार के महाकुंभ में इतनी भीड़ आ जाएगी और एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाएगा और इसलिए उसने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए कोई आवेदन ही नहीं दिया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और इसे वास्तव में एक वैश्विक आयोजन बताया. महाकुंभ के समापन के एक दिन बाद मीडिया सेंटर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन की कवरेज के लिए मीडिया का आभार भी व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ वास्तव में एक वैश्विक आयोजन बन गया और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है. उनकी दूरदर्शिता ने हमें इस भव्य आयोजन को सफलतापूर्वक अंजाम देने में मदद की. सीएम योगी ने आस्था और अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने की पीएम मोदी की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला और कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं और उत्तर प्रदेश इसका दोहन करने के लिए सबसे उपयुक्त राज्य है.