NASA के एथेना लैंडर की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग… जानें फिर भी क्यों बढ़ी वैज्ञानिकों की टेंशन – nasa Athena spacecraft successfully landed near the Moon’s South Pole ntc
NASA के एथेना लैंडर ने चंद्रमा के साउथ पोल के पास सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. हालांकि इसकी स्थिति को लेकर अब भी संशय बना हुआ है. लैंडिंग के कुछ ही पल बाद टीम ने इंजन के शटडाउन की पुष्टि की और अन्य कमांड को स्वीकार किया, हालांकि लैंडर की वास्तविक स्थिति की अंतिम पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है. एथेना को नासा के लिए इंट्यूटिव मशीन्स ने तैयार किया है.
दरअसल, नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज़ (CLPS) कार्यक्रम के तहत इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के साउथ पोल के करीब उतरना है. कारण, यह क्षेत्र वैज्ञानिक और संसाधन खोज के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. एथेना का लैंडिंग स्थल Mons Mouton चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित है. यह किसी भी अंतरिक्ष यान द्वारा अब तक का सबसे निकटतम प्रयास है.
लैंडर के उतरने की प्रक्रिया एक पावर्ड डीसेंट (नियंत्रित अवतरण) से शुरू हुई, जिसे लाइव प्रसारण में दिखाया गया. इसमें एथेना को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित उतारने के लिए अंतिम चरणों में प्रवेश करते देखा गया. हालांकि, लैंडिंग के बाद टीम को लैंडर की स्थिति की पूरी पुष्टि करने में कठिनाई हो रही है, जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं. यह स्थिति काफी हद तक इंट्यूटिव मशीन्स के पहले IM-1 मिशन जैसी लग रही है, जिसमें लैंडर का एक पैर टूट गया था और वह झुककर 30 डिग्री के कोण पर टिक गया था.
एथेना मिशन का मकसद
एथेना मिशन नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका लक्ष्य चंद्रमा पर मानव की दीर्घकालिक उपस्थिति स्थापित करना है. इस लैंडर में कई एडवांस उपकरण लगे हैं, जिनमें एक डीप-ड्रिलिंग मशीन और एक मास स्पेक्ट्रोमीटर शामिल हैं, जो चंद्रमा की सतह के नीचे जल-बर्फ (वॉटर आइस) की खोज करेंगे. यह खोज भविष्य में चंद्र अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो सकती है.
आगे क्या होगा?
इस मिशन के तहत एथेना लैंडर 14 मार्च को होने वाले चंद्र ग्रहण की तस्वीरें लेने वाला है, जिससे वैज्ञानिकों को चंद्रमा के वातावरण को समझने में नई जानकारियाँ मिल सकती हैं. इसके अलावा, इस मिशन में पहली बार चंद्रमा पर नोकिया की 4G/LTE सेलुलर नेटवर्क तकनीक भी स्थापित की जा रही है. यह चंद्रमा पर कम्यूनिकेशन सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है.