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बलूचिस्तान पर सफेद झूठ बोल रहा पाकिस्तान? ट्रेन हाईजैकिंग कांड से जुड़े दावों में कई झोल – Is Pakistan telling a blatant lie on Balochistan many loopholes in claims related to train hostage crisis ntc


जाफर एक्सप्रेस के हमले के बाद से पाकिस्तान में इस वक्त खलबली मची हुई है. पाकिस्तान की सेना ने इस मामले में दावा किया कि उसने सभी BLA लड़ाकों को मार गिराया है. लेकिन उसके इन दावों पर पाकिस्तान में ही सवाल उठ रहे हैं. पूछा जा रहा है कि अगर 4 ही पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, तो 200 से ज्यादा ताबूत क्यों क्वेटा पहुंचाए गए. सेना ने कहा कि उसने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के चंगुल से सभी बंधकों को रिहा करा लिया है और ये रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है. जबकि, बीएलए ने दावा किया है कि अभी भी 150 से ज्यादा यात्री उनके कब्जे में है. आखिर पाकिस्तानी फौज क्या छिपा रही है? बुधवार रात पाकिस्तान की सेना के अचानक इस दावे ने हर किसी को हैरान कर दिया. 

DG-ISPR ने जैसे ही ये दावा किया. सवाल उठने लगे. पूछा जाने लगा कि पाकिस्तान की सेना ने इतनी जल्दी ऑपरेशन कैसे खत्म कर दिया. क्या ये BLA के सामने हुई अपनी हार को छिपाने की कोशिश तो नहीं है? पाकिस्तान की सेना ने बताया कि उसने 33 BLA लड़ाकों को मार गिराया. किसी भी मुसाफिर को नुकसान नहीं पहुंचा और ऑपरेशन में सिर्फ उसके 4 सैनिक मारे गए. लेकिन ये दावा कितना हल्का था कि पाकिस्तान की जनता के गले ही नहीं उतरा.

BLA की तरफ से भी यही बात कही गई. उसकी तरफ से कहा गया कि बलोचिस्तान में उसका ऑपरेशन अब भी जारी है. BLA यानी बलोच लिबरेशन आर्मी ने प्रेस रिलीज कर दावा किया कि आपरेशन अभी भी चल रहा है जबकि पाकिस्तान की सेना ने इससे ठीक उल्टी बात कही. पाकिस्तान की सेना की तरफ से 25 लोगों के मारे जाने की बात कही गई, जिनमें सिर्फ 4 सिपाही थे. लेकिन बलोच सेना ने बताया कि 50 पाकिस्तानी सेना के सिपाहियों को उसने मौत के घाट उतार दिया. वहीं सभी यात्रियों को छोड़ दिया. DG-ISPR के दावे पर उंगली पाकिस्तान की तरफ से ही उठी. इसमें एक घायल सैनिक भी शामिल है, जिसने बताया कि 50 से ज्यादा सैनिक BLA के हमले में मारे गए.

पाकिस्तान और BLA के अलग-अलग दावे

पाकिस्तान की तरफ से जैसे ही 4 सैनिकों के मारे जाने का दावा हुआ तो सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की तरफ से क्वेटा लाए गए ताबूत की तस्वीरें घूमने लगीं, जिन्हें लेकर पूछे जा रहे सवालों को बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने ये कहकर और मजबूत कर दिया कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिक BLA ने मारे गिराए. पाकिस्तान के लोग ही, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ही अपनी सेना को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. जिसके झूठ को BLA ने सिरे से नकार दिया है. जाफर एक्सप्रेस हाईजैक मामले को लेकर पाकिस्तान की सेना ने दावा किया कि उसने आपरेशन कर के यात्रियों को छुड़वाया लेकिन BLA ने सबसे पहले बच्चों, महिलाओं, बुज़ुर्गो और परिवारो को छोड़ दिया था. ये बात छोड़े गए यात्रियों ने मीडिया को बताई थी. पाकिस्तान ने 30 बलोच लड़ाकों को मार गिराने का दावा किया, लेकिन पाकिस्तान के ही कई जानकारों ने बताया कि बलोच लड़ाकों की गिरफ्त में 150 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक बंदी हैं.

बलूच लिबरेशन आर्मी की कैद से छूटकर आए लोगों ने भी बताया कि शुरुआत में BLA के लड़ाकों की संख्या बहुत ज्यादा थी. लेकिन ट्रेन को रोकने के बाद वहां से BLA के काफी लड़ाके वहां से चले गए, ऐसे में 30 से ज्यादा बलोच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों को मारे जाने की बात लोगों के गले नहीं उतर रही. बलूच लिबरेशन आर्मी ने मंगलवार को दोपहर 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर 450 यात्रियों को बंधक बनाकर पाकिस्तान को सकते में डाल दिया. 

BLA की ये हैं मांगें

BLA ने जेल में बंद बलूच कार्यकर्ताओं, राजनैतिक कैदियों, गायब लोगों, लड़ाकों और अलगाववादियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की और सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिसके खत्म हो जाने के बाद अब BLA के अगले कदम की तरफ सबकी नजरें हैं. पाकिस्तान के सामने वजूद का संकट खड़ा हो गया है. पहले खैबर पख्तूनख्वा और अब बलूचिस्तान. पाकिस्तान के दो सबसे बड़े प्रांत में सरकार का नियंत्रण खत्म हो चुका है. वहां पर विद्रोही गुटों का शासन चल रहा है. लेकिन इस सच को कलूब करने के बजाए पाकिस्तान की सेना और सरकार पड़ोसी देशों पर उंगली उठा रही है.

पाकिस्तान में जो हुआ वो किसी फिल्म का सीन लगता है. लेकिन पाकिस्तान में जो हुआ वो बताता है कि क्यों उसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खतरनाक देश माना गया है. जहां सबसे बड़ी आतंकी वहां की सेना है. पाकिस्तान में कुछ भी हो. धमाके हो या आतंकी हमला. पाकिस्तान की सेना अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर सबसे पहले झूठी कहानी पेश करती है. जब उसकी थ्योरी पर सवाल उठने लगते हैं तो पाकिस्तान की सेना साजिश वाला एंगल आगे बढ़ाती है. 

ट्रेन हाईजैक सेना की नाकामी

जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किया जाना पाकिस्तानी सेना की नाकामी है. लेकिन उसे कबूल करने के बजाए उसकी तरफ से आसपड़ोस के देशों पर उंगली उठानी शुरू कर दी गई है. जिस संसद में खड़े होकर बिलावल भुट्टो ने सवाल उठाए, उसी संसद में बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किए जाने के दिन उस पर कुछ नहीं कहा गया. इतनी बड़ी घटना से मानो किसी को कोई फर्क भी नहीं पड़ा. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने 30 घंटे बाद अपनी चुप्पी तोड़ी. बता दिया कि उनके लिए बलूचिस्तान के लोगों की जान की कोई अहमियत नहीं है. अगर सरकार की तरफ से कुछ कहा भी जाता है तो साजिश के वही पुराने इल्जाम जिन पर अब पाकिस्तान के लोग भी यकीन नहीं करते.

पाकिस्तानी फॉरेन ऑफिस का दावा है कि बलूच लड़ाकों हाईजैक के दौरान अफगानिस्तान में मौजूद अपने सरगनाओं से संपर्क में थे, उन्हें वहां से ऑर्डर मिल रहे थे. अफगान सरकार ने इस दावे को नकार दिया है. तो पाकिस्तान की सरकार एक बार फिर अपनी जनता को ये समझाने में जुट गई है कि ये सबकुछ विदेशी साजिश की वजह से हो रहा है उसकी कोई गलती नहीं है. लेकिन बलूचिस्तान की विधानसभा में खुलकर पूछा जा रहा है कि आखिर इस राज्य की अनदेखी कब तक होगी? 

बलूचिस्तान में 1947 से चल रही आजादी की लड़ाई 

बलूचिस्तान की आजादी की लडा़ई 1947 से ही चल रही है. अबतक 5 बड़े हथियारबंद आंदोलन बलूचिस्तान का आजाद करवाने के लिए चलाए जा चुके हैं. लेकिन ताजा अभियान को निर्णायक माना जा रहा है, इसकी सबसे बड़ी वजह BLA का नया कमांडर है. जिसके कमान संभालने के बाद BLA लगातार पाकिस्तानी सेना को चुन चुनकर निशाना बना रही है. पाकिस्तान में आए दिन इसी तरह की चेतावनी दी जा रही है. बताया जा रहा है कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान पाकिस्तान के कंट्रोल से बाहर चला गया है. जाफर एक्सप्रेस की हाइजैकिंग ने इस पर मुहर लगा दी है. 

साल 2000 में बनी बलोच लिबरेशन आर्मी का मुखिया बशीर जेब है. बीएलए के भीतर बशीर जेब का पद कमांडर इन चीफ यानी सैन्य प्रमुख का है. बशीर जेब को साल 2018 में बीएलए की कमान मिली. प्रमुख बनने से पहले जेब कोर कमेटी के प्रमुख मेंबर था. जेब के आने के बाद से ही बलूचिस्तान में बीएलए की गूंज सुनाई दे रही है. देश के बड़े नेताओं तक को कहना पड़ रहा है कि बलूचिस्तान पर से सरकार का नियंत्रण खत्म हो रहा है. बशीर जेब की उम्र 40 के आसपास है, जिसका तालुल्क मध्यम वर्गीय परिवार से है. 

पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून के मुताबिक दिसंबर 2018 में एक सीक्रेट ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान की सेना ने बलोच लिबरेशन आर्मी के प्रमुख असलम बलोच को काबुल में मार गिराया, जिसके बाद बीएलए की कमान जेब बशीर को सौंप दी गई जेब बशीर के पिता बलूचिस्तान के मशहूर डॉक्टर हैं. जेब का घर बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से लगभग 145 किलोमीटर पूर्व में स्थित नुश्की कस्बे में है. जेब के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है. उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई क्वैटा के डिग्री कॉलेज से पूरी की है. 2012 में वह बीएलए से आजाद मिशन के तहत जुड़ गया, जिसके बाद वे इसी संगठन में हैं. 



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