भारतीय स्टूडेंट रंजनी श्रीनिवासन ने दो बार दिया अमेरिकी एजेंसियों को चकमा, फिर ऐसे पहुंचीं कनाडा – Indian student Ranjani Srinivasan dodged American agencies twice then fled to Canada ntc
भारतीय स्टूडेंट रंजनी श्रीनिवासन ने पिछले हफ्ते अमेरिका से खुद को सेल्फ डिपोर्ट कर लिया था. रंजनी के कनाडा जाने से ठीक पहले उनके साथी कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्र महमूद खलील को हिरासत में ले लिया गया था, इससे वह डर, अनिश्चितता और असुरक्षा से घिर गई थीं. क्योंकि रंजनी को लगा कि शायद उनका भी यही हश्र होगा.
कैसे दिया एजेंसियों को चकमा?
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार फेडरल इमिग्रेशन एजेंट्स ने रंजनी के अपार्टमेंट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वह उस वक्त वहां मौजूद नहीं थीं. इसके कुछ ही घंटों बाद उनके साथी महमूद खलील को कोलंबिया यूनिवर्सिटी से हिरासत में ले लिया गया. जब रंजनी को इस घटना की खबर मिली, तो उन्होंने तुरंत अपना सामान पैक किया और न्यूयॉर्क के लागार्डिया एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गईं.
डर और अनिश्चितता के बीच लिया बड़ा फैसला
रंजनी ने कहा कि वह खुद को ‘अस्थिर और खतरनाक माहौल’ में पा रही थीं. उन्होंने कहा कि मुझे डर था कि एक सामान्य राजनीतिक विचार या सोशल मीडिया पर कुछ कह देना, एक बुरे सपने की तरह मुझे आतंकवादी समर्थक साबित कर सकता है और मेरे जीवन के लिए खतरा बन सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक रंजनी ने कहा कि मुझे पता था कि मेरे पास बहुत कम समय है. जब इमिग्रेशन एजेंट्स अगले दिन फिर से उनके दरवाजे पर आए, तो उन्होंने तुरंत फैसला लेने का निर्णय किया.
क्यों रद्द हुआ था वीजा?
37 वर्षीय रंजनी श्रीनिवासन का स्टूडेंट वीजा 5 मार्च को रद्द कर दिया गया था. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप था कि उन्होंने हिंसा और आतंकवाद का समर्थन किया, हालांकि रंजनी ने इन आरोपों को गलत बताया. उनका कहना है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने मेरी वैधता खत्म कर दी, क्योंकि मेरा वीजा रद्द कर दिया गया.
कैसे हुई स्वयं निर्वासित?
रंजनी 11 मार्च को CBP होम ऐप के जरिए अमेरिका से सेल्फ डिपोर्टेशन कर कनाडा पहुंच गईं. इसके बाद अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि जब कोई हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इस देश में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. मैं खुश हूं कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एक आतंक समर्थक छात्र ने स्वयं निर्वासन किया.
क्या है पूरा मामला
रंजनी श्रीनिवासन ने इजरायल-गाजा युद्ध के खिलाफ फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. वहीं, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ऐसे विदेशी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की, जो पिछले साल कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शनों में शामिल थे. ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये कदम देश से यहूदी-विरोधी भावनाओं को खत्म करने के लिए उठाया गया है.