‘मैं समलैंगिक हूं, 150 से ज्यादा पुरुषों से संबंध बनाए’ प्रेमानंद जी को शख्स ने सुनाई आपबीती
‘यह संस्कार न केवल आपके अंदर, बल्कि लाखों लोगों में है. जरा सोचिए इन सबसे आपको क्या मिला है?’ इस पर शख्स ने कहा, ‘सिर्फ डर और चिंता.’
‘यह संस्कार न केवल आपके अंदर, बल्कि लाखों लोगों में है. जरा सोचिए इन सबसे आपको क्या मिला है?’ इस पर शख्स ने कहा, ‘सिर्फ डर और चिंता.’