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‘नेताओं की खाल मोटी होनी चाहिए’, शिवराज बनाम कांग्रेस नेता तन्खा के केस में SC की टिप्पणी – Supreme court comment in Shivraj vs Congress leader Tankha case said Leaders should have thick skin ntc


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा की आपराधिक मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में आपसी सौहार्द से सुलझाने की अपील की है. अदालत ने सुनवाई करते हुए ये भी कहा कि नेता होने के नाते आपको मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए. पीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 21 मई तक के लिए स्थगित कर दी है.

इस मामले में निचली अदालत से जारी जमानती वारंट को चुनौती देने वाली केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.

‘नेता होने के नाते मोटी होनी चाहिए चमड़ी’

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि नेता होने के नाते आपको मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए. कोई आसमान नहीं गिर पड़ेगा.

इस पर कांग्रेस नेता विवेक तन्खा के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनेताओं को मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए, लेकिन वकीलों को नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने सलाह देते हुए कहा कि ये ऐसे मामले हैं, जिन्हें अदालत के बाहर सुलझाया जा सकता है. तो तन्खा के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर शिवराज सिंह अपने बयान के लिए खेद व्यक्त करते हैं तो हम इसे सुलझाने पर विचार करेंगे.

‘हमारी बात सुने कोर्ट’

शिवराज सिंह चौहान के वकील महेश जेठमलानी ने भी कहा कि हम चाहते हैं कि अदालत हमारी बात सुने.

बता दें कि पिछले साल 25 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने भाजपा नेताओं के खिलाफ तन्खा द्वारा दर्ज मानहानि का मामला रद्द करने से इनकार कर दिया था. तन्खा ने निचली अदालत में अपनी शिकायत में कहा था कि 2021 में राज्य में पंचायत चुनावों से पहले मानहानिकारक बयान दिए गए थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत के 17 दिसंबर, 2021 के आदेश के बाद भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण का विरोध किया था, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा.

क्या है मामला

तन्खा की याचिका में 10 करोड़ रुपये का मुआवजा और भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी. कांग्रेस नेता तन्खा ने आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मध्य प्रदेश में 2021 के पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगाकर राजनीतिक लाभ के लिए उनके खिलाफ समन्वित, दुर्भावनापूर्ण, झूठा और अपमानजनक अभियान चलाया.

20 जनवरी 2024 को जबलपुर की एक विशेष अदालत ने तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 (मानहानि की सजा) के तहत मानहानि के मामले की जांच करने पर सहमति जताई और उन्हें तलब किया.



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