संभल: लाउडस्पीकर की आवाज सुनकर मस्जिद की तरफ भागे पुलिस अफसर, इमाम को किया गिरफ्तार, 2 लाख का चालान – Sambhal Officers rushed towards the mosque along with police force after loudspeaker sound ntc
उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के बाद अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है. पुलिस इस बात पर बारीकी से नजर रख रही है कि किसी भी कारण से माहौल खराब न हो. इस कड़ी में ही शुक्रवार को पुलिस ने एक्शन लेते हुए एक मस्जिद के इमाम का 2 लाख रुपए का चालान कर दिया.
दरअसल, संभल की सड़कों पर तैनात पुलिस को अचानक शुक्रवार को मस्जिद से लाउडस्पीकर की तेज आवाज सुनाई दी. आवाज सुनते ही पुलिस अफसर फोर्स लेकर मस्जिद की तरफ दौड़ पड़े. यहां पुलिस ने तेज लाउडस्पीकर बजाने पर मस्जिद के इमाम को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद एसडीएम ने शांतिभंग के तहत 2 लाख के मुचलके पर इमाम को पाबंद किया. यानी इमाम को 2 लाख के मुचलके पर छोड़ा गया.
दो दिन पहले पुलिस ने की थी मीटिंग
दरअसल, दो दिन पहले ही एडीशनल एसपी और सीओ ने धर्मगुरुओं के साथ बैठक करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया था. इस मीटिंग में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने और स्पीकर की आवाज धार्मिक स्थल से बाहर न जाए इसे लेकर अपील की गई थी.
अनार वाली मस्जिद से आई थी आवाज
इस मामले पर बात करते हुए एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने बताया,’संभल में जुमे की नमाज के दौरान अनार वाली मस्जिद के अंदर से लाउडस्पीकर से अजान की तेज आवाज सुनाई दी. पुलिस अधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ मस्जिद के बाहर पहुंचे. पुलिस अधिकारियों ने मस्जिद के इमाम को मस्जिद से बाहर बुलवाकर गिरफ्तार कर लिया.’
लगातार गश्त कर रहा था पुलिस-प्रशासन
दरअसल, संभल हिंसा के बाद 13 दिसंबर को तीसरे जुमे की नमाज थी. इस दौरान संभल में पुलिस प्रशासन अलर्ट था. मस्जिद पर तेज लाउडस्पीकर की घटना तब हुई, जब एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र और सीओ अनुज चौधरी भारी पुलिस फोर्स के साथ जामा मस्जिद के इलाके में लगातार गश्त कर रहे थे.
मुचलके पर इमाम को मिल गई जमानत
संभल कोतवाली पुलिस ने घटना के बाद नखासा थाना इलाके के मंडलाई गांव के निवासी इमाम तहजीब का शांतिभंग में चालान करके उप जिलामजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया. उप जिलामजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इमाम को दो लाख रुपए के मुचलके से पाबंद करते हुए जमानत दे दी.
इमाम ने जानकारी होने से किया इनकार
गिरफ्तार किए गए अनार वाली मस्जिद के इमाम का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. मस्जिद में अजान दूसरे पढ़ते हैं, वह इमाम हैं. उन्हें न ही इस मामले की जानकारी थी और न ही मीटिंग में बुलाया गया था.