Sheikh Hasina extradition – शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजा जाएगा? जानिए प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत के पास क्या विकल्प – Will India accept Bangladesh request for Sheikh Hasinas extradition Know what experts say
बांग्लादेश की अंतरिम युनूस सरकार ने भारत राजयनिक संदेश भेजकर शेख हसीना की वापसी की मांग की है. बांग्लादेश ने कहा है कि सरकार चाहती है कि शेख हसीना को न्यायिक प्रक्रिया के लिए भारत से वापस लाया जाए तांकि वह मुकदमे का सामना कर सके. यह पहली बार है जब बांग्लादेश ने भारत से औपचारिक तौर पर हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है.
ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भारत बांग्लादेश के इस संदेश का क्या जवाब देता है. युनूस सरकार का मानना है कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत का निर्णय 2013 की भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि और 2018 में इसमें किए गए संशोधन के प्रावधानों पर आधारित है.
भारत के पास है यह अधिकार
इस संधि में अपराधियों को सौंपने का प्रावधान है, लेकिन असाधारण परिस्थितियों में भारत किसी व्यक्ति को प्रत्यर्पित करने से इनकार कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि शेख हसीना के मामले में भारत यह प्रावधान लागू कर सकता है.
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विदेश मंत्रालय (MEA) के विशेषज्ञ स्वर्ण सिंह ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “भारत का रुख 2013 की भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि और 2018 के संशोधनों से निर्धारित होगा. असाधारण परिस्थितियों में भारत किसी राजनीतिक नेता को प्रत्यर्पित करने से इनकार कर सकता है, खासकर जब उसकी जान को खतरा हो या निष्पक्ष सुनवाई पर संदेह हो. बांग्लादेश में मौजूदा अस्थिर माहौल को देखते हुए यह विचार महत्वपूर्ण है.”
शेख हसीना की सुरक्षा और निष्पक्ष सुनवाई को लेकर भारत की चिंताएं
शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें उनकी सरकार के खिलाफ “मानवता के खिलाफ अपराध” और “नरसंहार” जैसे मामले शामिल हैं. लेकिन भारत ने मौजूदा अस्थिर राजनीतिक माहौल और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें देश में रहने की अनुमति दी है.
स्वर्ण सिंह ने कहा, “भारत ने शेख हसीना को शारीरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में रहने की अनुमति दी है. यह भारत के मानवीय दायित्वों और संधि प्रावधानों के अनुरूप है.”
तीसरे देश में शरण की तलाश
भारत इस मामले में एक कूटनीतिक समाधान की तलाश कर रहा है और शेख हसीना के लिए किसी तीसरे देश में शरण देने की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है. यह विकल्प बांग्लादेश के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में संतुलन बनाए रखने और राजनीतिक तनाव कम करने में मदद कर सकता है.
सिंह ने कहा, “भारत सक्रिय रूप से शेख हसीना के लिए किसी तीसरे देश में शरण की संभावनाओं पर विचार कर रहा है. इससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी और बांग्लादेश के साथ राजनीतिक तनाव को कम करने में मदद मिलेगी.”
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कूटनीतिक प्रभाव
शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत का निर्णय भारत-बांग्लादेश संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है.
-यदि भारत उन्हें प्रत्यर्पित करता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय समझौतों का पालन होगा, लेकिन इससे शेख हसीना के समर्थकों के बीच नाराजगी हो सकती है.
- प्रत्यर्पण से इनकार करने पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ तनाव बढ़ सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस मुद्दे पर सावधानीपूर्वक कदम उठाएगा और मानवीय, कानूनी और कूटनीतिक हितों के बीच संतुलन बनाए रखेगा.
भारत और बांग्लादेश के बीच इस संवेदनशील मुद्दे पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. शेख हसीना का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन भारत का फैसला दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों को अगले कुछ वर्षों के लिए आकार देगा.