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International Museum Day: ताजमहल हो या लाल किला… देशभर के सभी स्मारक और म्यूजियम में कल फ्री में मिलेगी एंट्री – international museum day free entry asi monuments 18 May lclnt


अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर पुरातत्व सर्वेक्षण भारत (ASI) ने घोषणा की है कि 18 मई 2025 को देशभर के सभी ASI के संरक्षित स्मारकों और संग्रहालयों में आम जनता के लिए प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा.

हर साल मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का उद्देश्य संग्रहालयों की भूमिका को समझना है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने, शिक्षा को बढ़ावा देने और समुदायों व पीढ़ियों के बीच संवाद स्थापित करने में अहम भूमिका निभाते हैं.

इस बार ASI ने जनता को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने के लिए 52 साइट-म्यूजियम और देश के सभी टिकट वाले स्मारकों में मुफ्त प्रवेश की सुविधा दी है. इन स्थलों पर भारत के प्राचीन उपकरणों, मूर्तियों, मध्यकालीन शिलालेखों सहित अनेक महत्वपूर्ण पुरातात्विक वस्तुएं संरक्षित हैं.

ASI का संग्रहालय विंग 52 साइट-म्यूजियम
ASI का संग्रहालय विंग 52 साइट-म्यूजियम का प्रबंधन करता है, जिनमें सर्णाथ (1910) सबसे पुराना है. ये संग्रहालय उत्खनन स्थल के निकट स्थित होते हैं ताकि प्रदर्शित वस्तुएं अपने संदर्भ को न खोएं और शोधकर्ताओं व आगंतुकों दोनों के लिए अध्ययन के लिए उपलब्ध रहें.

वर्चुअल एक्सपीरियंस संग्रहालय बनाए गए
हाल ही में भारत का पहला भूमिगत संग्रहालय हुमायूं के मकबरे में खोला गया है. साथ ही वाराणसी के मणि महान वेधशाला और ओडिशा के ललितगिरी पुरातात्विक स्थल पर भी वर्चुअल एक्सपीरियंस संग्रहालय बनाए गए हैं. 18 मई को ताजमहल, लालकिला सभी जगह फ्री में एंट्री मिलेगी.

ASI के संग्रहालयों को समाज के हर वर्ग की जरूरतों के अनुसार आधुनिक तकनीकों से सजाया जा रहा है, जिनमें AR (ऑगमेंटेड रियलिटी) और VR (वर्चुअल रियलिटी) जैसे तकनीकों को शामिल किया जा रहा है ताकि आगंतुकों को बेहतर अनुभव मिल सके.

विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल
पूरे भारत में ASI के पास 3,698 संरक्षित स्मारक और स्थल हैं, जिनमें से 26 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल हैं. यह ASI की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो देश की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और स्थापत्य कौशल को संरक्षित करने और मनाने में है.

इस मुफ्त प्रवेश योजना से आम जनता को अपनी संस्कृति और इतिहास के करीब आने का अवसर मिलेगा और वे इन अनमोल स्थलों का आनंद और ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे.



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