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mahakumbh 2025 – 40 दिन पूरे, 5 दिन बाकी, श्रद्धालु 58 करोड़ पार… महाकुंभ के आखिरी वीकेंड में टूटेंगे भीड़ के सभी रिकॉर्ड? – mahakumbh 2025 mahashivratri preparation prayagraj top officers triveni sangam up government ntc


उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगे महाकुंभ (Mahakumbh 2025) को आज चालीस दिन पूरे हो चुके हैं. इसके पांच दिन और बचे हुए हैं. अब तक 58 करोड़ से ज्यादा लोग प्रयागराज आकर स्नान संगम में कर चुके हैं. 26 फरवरी महाशिवरात्रि के आखिरी कुंभ स्नान से पहले आखिरी वीकेंड आ चुका है. लोगों की संख्या फिर बढ़ने लगी है. माना जा रहा है कि शनिवार और रविवार को कुल सवा दो करोड़ से ज्यादा लोग पहुंच सकते हैं. महास्नान की तैयारी को लेकर लखनऊ से दो बड़े अधिकारी प्रयागराज पहुंचे.

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26 फरवरी के आखिरी स्नान से पहले महाकुंभ में लोगों की तादाद बढ़ने की उम्मीद है, इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बोर्ड एग्जाम की तारीख आगे बढ़ाई है. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कहा है कि महाकुंभ की वजह से शहर में जाम की स्थिति को देखते हुए 24 फरवरी को 10वीं-12वीं के यूपी बोर्ड की परीक्षा प्रयागराज में नहीं होगी. ये आदेश केवल प्रयागराज के लिए है. 24 फरवरी की दो पाली में होने वाली चार विषयों की परीक्षा 9 मार्च को करवाई जाएगी.

क्या आखिरी दिन भी टूटेगा रिकॉर्ड?

26 फरवरी को महाकुंभ के पूरा होने से पहले आखिरी वीकेंड पर क्या फिर रिकॉर्ड टूटेंगे? ये सवाल इसलिए क्योंकि अब तक प्रमुख स्नानों पर देखें तो पौष पूर्णिमा पर 13 जनवरी को 1 करोड़ 70 लाख लोग आए. 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर 3 करोड़ 50 लाख लोग पहुंचे, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर 7 करोड़ 64 लाख लोग स्नान करने पहुंचे. 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर 2 करोड़ 57 लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगाई. 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर 2 करोड़ लोगों ने स्नान किया. अब महाशिवरात्री का स्नान बचा है और महाकुंभ समापन से पहले आखिरी वीकेंड है.

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पिछले हफ्ते के आखिरी दो दिन में 15-16 फरवरी को 2.85 करोड़ लोग पहुंचे. अबकी बार ये संख्या और ज्यादा हो सकती है क्योंकि गुरुवार 20 फरवरी को जहां 1.15 करोड़ लोग पूरे दिन में संगम पहुंचे. वहीं, शुक्रवार शाम 6 बजे तक ये संख्या पार होकर 1 करोड़ 16 लाख पहुंच गई, यानी आखिरी वीकेंड मतलब हफ्ते के आखिरी दो दिन पर छुट्टी की वजह से लोग कुंभ पहुंचना चाहेंगे. 

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कुंभ पर सियासत

विपक्ष के कई लोगों ने पहले सवाल उठाया कि कुंभ पहुंचने वालों की संख्या कैसे बता दे रही है. अखिलेश यादव ने तो पहले ये तक कहा था कि ट्रेनें खाली जा रही हैं, बाद में वही कहने लगे कि लोग इतने ज्यादा हैं कि व्यवस्था पूरी नहीं हो पा रही. राजनीति से अलग ये सवाल कई लोगों के मन में हो सकता है कि अभी जो लोग आ रहे हैं, ये कौन हैं? 

निश्चित तौर पर ये वो श्रद्धालु हैं, जो पहले किसी सामाजिक या आर्थिक कारण से नहीं आ पाए. बहुत से ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिन्हें लग रहा है कि अगर प्रयागराज पहंचकर कुंभ स्नान नहीं किया, कुंभ का अनुभव नहीं लिया तो जीवन में कुछ छूट जाएगा. आस्था के साथ एक अनुभव में खुद को शामिल करने की ये इच्छा इतनी प्रबल है कि शारीरिक-आर्थिक या पारिवारिक चुनौतियों के बीच भी लोग कहते हैं, जाना है तो जाना है.

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कैदियों के गंगाजल की व्यवस्था

जो लोग स्नान करने के लिए महाकुंभ पहुंचते हैं, वो बाकी लोगों के लिए या फिर हिंदू परंपरा के मुताबिक घर में, पूजा स्थल में रखने के लिए संगम का जल लेकर आते हैं. बहुत से लोग लाए गए उसी गंगाजल को अपने ऊपर छिड़क कर पुण्य पा लेना चाहते हैं. तब सवाल है कि क्या प्रशासन को लगता है, जेल में अपराधों की सजा काटते कैदियों के अपराध का पाप भी गंगा जल से मिटेगा या फिर उन्हें संगम जल से स्नान करके पुण्य मिलेगा. क्योंकि उत्तर प्रदेश की तमाम जेल में अधिकारियों ने महाकुंभ से संगम का जल मंगवाया है. कहीं टैंकर से आया है, कहीं घड़ों में लाया गया है फिर उसे मिलाकर जेल के अंदर कैदियों को स्नान करने का मौका दिया जा रहा है. कई जेलों के अधिकारियों ने बताया कि जेल मंत्री के निर्देश आए हैं. कहा गया है कि गंगा जल जेल में मंगवाकर पूजा पाठ हो फिर सभी बंदियों के साथ स्टाफ भी स्नान करे. दावा है कि यूपी की जेल में बंद एक लाख कैदियों के लिए कुंभ के जल की व्यवस्था की गई है. 

अयोध्या में महाकुंभ स्नान का आयोजन किया गया, लेकिन इस बार यह आयोजन मंडल कारागार के कैदियों के लिए विशेष रूप से किया गया. प्रयागराज से जल मंगा कर कैदियों को स्नान कराया गया, जो कारागार मंत्री के आदेश पर प्रदेश के सभी जेलों में किया गया. जेल अधीक्षक उदय प्रताप मिश्र ने बताया कि यह आयोजन न केवल कैदियों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यह उनके पुनर्वास और सुधार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है. महाकुंभ स्नान के आयोजन से कैदियों को एक नई दिशा मिल सकती है और वे अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं.

गंगाजल में प्रदूषण पर सवाल

महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक जिस संगम जल में पवित्रता के भाव के साथ 58 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं. उसी जल की स्वच्छता को लेकर पहले सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की NGT के सामने पेश की गई रिपोर्ट में सवाल उठा, तो यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 18 फरवरी को NGT में एक नई रिपोर्ट देकर सेंट्रल की रिपोर्ट पर ही सवाल उठा दिया.

दोनों एजेंसी के बीच रिपोर्ट की खींचतान में अगली सुनवाई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को 28 फरवरी को करनी है, तब तक कुंभ खत्म हो चुका होगा. लेकिन जरूरी है कि सच सामने आए क्योंकि ये विषय उन 58 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है, जो महाकुंभ में संगम स्नान करने प्रयागराज पहुंचे और वो करोड़ों लोग जो अब भी आ रहे हैं, जिन्हें फिलहाल सिर्फ संगम जल की स्वच्छता या नहाने योग्य ना करार दिए जाने के दावे के बीच सियासत देखने को मिल रही है.

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अफवाहों पर नकेल

महाकुंभ के अब तक के चालीस दिन में सरकार और सिस्टम दोनों को सुरक्षा के मोर्चे पर अफवाहों से भी लड़ना पड़ा, जिससे कोई अव्यवस्था ना हो. कुछ सोशल मीडिया अकाउंट से पाकिस्तान के वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर ये अफवाह फैलाई जा रही है कि महाकुम्भ जाने वाली बस नाले में गिर गई. यानी पाकिस्तान की 2024 की घटना को प्रयागराज से जोड़कर साजिश के तहत अफवाह फैलाने का काम हुआ. इसीलिए 36 सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

महाकुंभ पुलिस ने जब इस अफवाह फैलाने वाले वीड़ियो का फैक्ट चेक किया है, तो आजतक की रिपोर्ट का जिक्र करके बताया है कि आजतक पहले ही इस तरह की अफवाहों का सच से सामना कराता आ रहा है. आजतक ने इस झूठ फैलाने वाले वीडियो की सच्चाई 2 फरवरी को ही पूरे देश को बताई. यानी आजतक पहले से दस्तक देकर बताता आ रहा था कि कुंभ के खिलाफ साजिश फैलाने की कोशिश हो रही है, जिससे सावधान होना जरूरी है.



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