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New Delhi Railway Station Stampede – प्रयागराज एक्सप्रेस चलने का इंतजार कर रहे थे यात्री, बढ़ती गई भीड़, फिर… NDLS पर भगदड़ की वजह आई सामने – What led deadly stampede at New Delhi Railway Station on 15th February 2025 Night ntc


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात भगदड़ जैसी घटना में कम से कम 18 लोगों की जान चली गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. भगदड़ में जान गंवाने वालों में 9 महिलाएं, 4 पुरुष, 5 बच्चे शामिल हैं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ शाम से ही उमड़ने लगी थी, फिर भी प्रशासन ने समय रहते व्यवस्थाएं दुरुस्त करने और क्राउड मैनेजमेंट की सुध नहीं ली. 

कई चश्मदीदों ने आजतक को बताया कि स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म्स पर भीड़ तो बहुत ज्यादा थी, लेकिन प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14 और 15 पर स्थिति और बदतर थी. चश्मदीदों के मुताबिक भगदड़ की स्थिति रेलवे द्वारा ट्रेनों के ठहराव को लेकर बार-बार प्लेटफॉर्म नंबर बदलने की घोषणा के कारण उत्पन्न हुई. पुलिस उपायुक्त (DCP) रेलवे, केपीएस मल्होत्रा ​​ने बताया कि प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी. यह ट्रेन पकड़ने के लिए यात्रियों की भारी भीड़ प्लेटफॉर्म पर मौजूद थी. स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी देरी से चल रही थीं. इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर मौजूद थे.

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NDLS पर हर घंटे बिके 1500 जनरल टिकट

डीसीपी मल्होत्रा ​​ने कहा, ‘जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली स्टेशन पर हर घंटे रेलवे ने 1500 जनरल टिकट बेचे. यही कारण है कि भीड़ बेकाबू हो गई. प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के एस्केलेटर के पास भगदड़ जैसी स्थिति थी.’ भारतीय रेलवे ने भगदड़ की बात को अफवाह कहकर खारिज कर दिया और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बनी स्थिति को ‘भगदड़ जैसी स्थिति’ बताया. हालांकि, बाद में रेलवे ने पुष्टि की कि अज्ञात संख्या में लोग घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. मौतों की पुष्टि एलएनजेपी अस्पताल ने की, जहां घायलों को इलाज के लिए ले जाया गया था.

भगदड़ प्लेटफॉर्म्स पर नहीं, सीढ़ियों पर हुई

एक चश्मदीद जिसने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई घटना में अपनी मां को खो दिया, उसने कहा कि भगदड़ प्लेटफॉर्म्स पर उतरने वाली सीढ़ियों पर शुरू हुई, न कि प्लेटफार्म्स पर. चश्मदीद ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के साथ छपरा जा रहा था. हम सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे और हमारे सामने का प्लेटफॉर्म सामान्य दिख रहा था. किसी भी तरह की अव्यवस्था का कोई संकेत नहीं था. अचानक सीढि़यों पर भीड़ उमड़ पड़ी और बड़ी संख्या में लोग नीचे उतरने लगे. मेरी मां और कई महिलाएं गिर गईं, जबकि अन्य लोग उन्हें रौंदते हुए गुजर गए.’ अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कई यात्री प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए बिना टिकट के प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए थे.

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बिना टिकट वाले लोग प्लेटफॉर्म पर कैसे पहुंचे?

कई चश्मदीदों ने शिकायत की कि उनके पास कंफर्म टिकट था, लेकिन वे ट्रेन में नहीं बैठ सके. बिना टिकट वाले या जनरल टिकट वाले लोगों ने ट्रेन के दरवाजों पर भीड़ कर रखी थी. भीड़ में कई यात्रियों के सामान भी चोरी हो गए. जनरल और स्लीपर छोड़िए, एसी कोचों में भी पैर रखने की जगह नहीं थी. जिन यात्रियों के पास कंफर्म टिकट था, वे भी नीचे उतर गए, क्योंकि कोच के अंदर भारी भीड़ होने के कारण दम घुट रहा था. भीड़ को कम करने के लिए रेलवे ने रात 12.30 बजे से स्पेशल ट्रेनें चलाईं. कई लोगों के पास टिकट नहीं थे. उन्होंने कहा कि वे प्लेटफॉर्म में प्रवेश कर गए. वे टिकट खरीदना चाहते थे, लेकिन ज्यादातर ट्रेनों में टिकट उपलब्ध नहीं था.

भगदड़ के लिए रेलवे की अव्यवस्था जिम्मेदार?

एक महिला जिसने एक स्पेशल ट्रेन में सीट हासिल कर ली थी, लेकिन उसके पास टिकट नहीं था, उसने कहा कि जब टीटी आएंगे तो मैं टिकट खरीद लूंगी. उसने टिकट नहीं ले पाने के पीछे भीड़ को जिम्मेदार ठहराया. स्पेशल ट्रेनों में बैठे कई अन्य लोगों ने भी यही बात कही. बहुत सारे यात्री इस उम्मीद में ट्रेन में चढ़ गए कि वे टीटी से टिकट खरीद लेंगे. वे बिना प्लेटफॉर्म टिकट के स्टेशन परिसर में दाखिल हो गए थे, क्योंकि एंट्री पॉइंट्स पर कोई पूछताछ या टिकट चेक करने वाला मौजूद ही नहीं था. सभी ने कहा कि वे भीड़ के साथ अंदर घुस आए और किसी ने उन्हें रोका या जांचा नहीं. इससे साफ है कि नई दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ के लिए रेलवे प्रशासन की अव्यवस्था और चूक जिम्मेदार थी.



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