Pahalgam Attack News: ‘इनमें से कौन-कौन हिंदू है, तुमने यहां आतंक मचा रखा है…’, गोली चलाने से पहले बोले आतंकी…पढ़िए आपबीती – pahalgam attack update terrorist told us religion before shooting lclnt
pahalgam attack news in hindi: जम्मू-कश्मीर के बैसरन में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने से पहले एक आतंकवादी ने चिल्लाते हुए कहा, ‘इनमें से कौन-कौन हिंदू है, तुमने यहां आतंक फैलाया है,’ इस नरसंहार में जीवित बचे लोगों ने गुरुवार को मुंबई के पास डोंबिवली में घर लौटने के बाद बताया इसकी जानकारी दी. ठाणे जिले के डोंबिवली के रहने वाले तीन चचेरे भाई – संजय लेले (50), हेमंत जोशी (45) और अतुल मोने (43) उन 26 लोगों में शामिल थे, जो 22 अप्रैल (मंगलवार) को पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में मारे गए थे.
‘सिर पर लगाए थे GoPro कैमरे’
हमले के वक्त पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे थे, तभी बंदूकधारी आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. हमलावरों के सिर पर GoPro कैमरे लगे थे, और वे बार-बार यह पूछ रहे थे कि कौन हिंदू है और कौन मुस्लिम. जब किसी ने जवाब नहीं दिया, तो उन्होंने लोगों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. अतुल मोणे ने हमलावरों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन उन्हें गोली मार दी गई.
संजय लेले के बेटे हर्षल ने बताया कि कैसे उनके पिता को सिर में गोली मारी गई, जब वह उनके पास बैठे थे. हमले के बाद स्थानीय लोगों और घोड़े वालों ने बचे लोगों को नीचे पहुंचाने में मदद की. कई लोग घंटों पैदल चलकर अस्पताल पहुंचे.
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‘उनकी दाढ़ी थी और उन्होंने भूरे रंग के कपड़े पहने थे’
हर्षल लेले ने मीडिया को बताया, ‘मैंने दो लोगों को देखा, लेकिन उनकी हरकतों और कदमों की आवाज़ से मुझे पता चल गया कि और भी लोग थे. उनकी दाढ़ी थी और उन्होंने भूरे रंग के कपड़े पहने थे, हालांकि मैं यह नहीं कह सकता कि यह वर्दी थी या नहीं.’
‘पिता के सिर से खून निकल रहा था’
उन्होंने कांपती आवाज़ में बताया, ‘मेरा हाथ मेरे पिता के सिर पर था, तभी मुझे अचानक कुछ गीला-गीला महसूस हुआ. मैंने देखा, तो खून था, उनके सिर पर गोली लगी थी.’ हमला अचानक हुआ. उन्होंने कहा, ‘पहले हमें लगा कि गोली चलने की आवाज़ बल्ब के फ़्यूज़ के फटने जैसी है. फिर आवाज़ नज़दीक आई. स्थानीय लोगों ने हमें सचेत किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.’ मारे गए अतुल मोने की पत्नी अनुष्का मोने ने बताया कि कैसे हमलावरों से बात करने की कोशिश करते समय उनके पति की हत्या कर दी गई.
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उन्होंने कहा, ‘हम दोपहर करीब 1 या 1.30 बजे बैसरन घाटी पहुंचे. दिन बहुत सुंदर था. अचानक हमने गोलियों की आवाज सुनी, लेकिन हमने सोचा कि आस-पास कोई रोमांचक गतिविधि हो रही है.’
‘बार-बार धर्म पूछ रहे थे’
बंदूकधारियों ने जानना चाहा कि समूह में कौन हिंदू या मुसलमान है. अनुष्का मोने ने बताया, ‘उन्होंने हमसे तीन-चार बार पूछा. किसी ने जवाब नहीं दिया. मेरे पति आगे बढ़े और कहा, ‘तुम हमें क्यों गोली मार रहे हो? हमने कुछ नहीं किया है.’ उन्होंने उसे गोली मार दी.’ अतुल मोने हर्षल लेले के चाचा थे. उन्होंने उस पल को याद किया जब उनके एक अन्य रिश्तेदार से फिर से पूछा कि उनमें से कौन हिंदू है, तो उन्होंने अपना हाथ उठाया. उन्होंने बताया, ‘उन्होंने उसे वहीं मार डाला.’
उन्होंने आतंकवादियों के शब्दों को दोहराते हुए कहा, जिन्होंने उनसे कहा था कि ‘तुमने यहां आतंक मचा दिया है’ और फिर भयभीत भीड़ पर एक और गोली चला दी. हर्षल लेले ने बताया कि कैसे उनके चाचा अतुल मोने को उनकी पत्नी और रिश्तेदारों से अलग होने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने उन्हें कसकर गले लगाया और उन्होंने उनके पेट में गोली मार दी.’
एक अन्य चाचा हेमंत जोशी ने हमलावरों से विनती करने की कोशिश की. हर्षल लेले ने कहा, ‘उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ नहीं किया है, हमें जाने दो’ और इसके लिए उन्होंने उन्हें गोली मार दी.’ उन्होंने अपने पिता को हमलावरों में से एक से बात करने की कोशिश करने के बाद सिर में गोली मारते हुए देखा. इसके बाद मची अफरा-तफरी में, बचे हुए लोगों को स्थानीय लोगों ने मदद दी.