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RCB के जश्न के दौरान स्टेडियम के बाहर क्या हुआ? कैसे मैं बचा? बेंगलुरु की भगदड़ में फंसे निखिल नाज की आंखोंदेखी! – What happened outside the stadium during RCB celebration How did I survive Eyewitness account of Nikhil Naz who was caught in the stampede in Bangalore ntcpas


बेंगलुरु में बुधवार को उस वक्त बड़ा हादसा हुआ जब आईपीएल 2025 की विजेता आरसीबी टीम की विक्ट्री परेड में शामिल होने और खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए लाखों की संख्या में फैंस सड़कों पर उतर आए. इसके बाद वहां भगदड़ हो गई और इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए. लेकिन ये हादसा कैसे हुआ? वहां क्या इंतजाम थे? कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग वहां जमा हुए? इन सारी बातों का जवाब दिया आजतक के पत्रकार निखिल नाज ने जो घटना के वक्त वहां मौजूद थे…   

निखिल नाज ने कहा कि मैंने भगदड़ देखी और सौभाग्य से VIP गेट के जरिए बाहर निकल गया. उन्होंने इन सारी बातों का जवाब दिया…

भगदड़ कहां हुई?

भगदड़ कब्बन पार्क मेट्रो स्टेशन के बाहर हुई. युवाओं (अधिकतर लड़कों) की भारी भीड़ ने सड़क को ब्लॉक कर नाचना शुरू कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई.

भगदड़ कैसे हुई?

जो लोग सड़क के दोनों तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे, वे इस जोशीली भीड़ के कारण आगे नहीं बढ़ पाए. तभी लोगों ने भीड़ को पार करने के लिए धक्का देना शुरू किया ताकि वे स्टेडियम के बाईं या दाईं ओर जा सकें. इस अफरा-तफरी में, ज्यादातर लड़कियां और कुछ किशोर लड़के कुचल दिए गए. वहां कोई सुरक्षा कर्मी नहीं था. सुरक्षा केवल गेट्स तक ही सीमित थी.

सिर्फ दो एंबुलेंस ही तत्काल मदद के लिए मौजूद थीं

जो लोग कुचल गए थे, वे बेहोश होकर स्टेडियम के अंदर लाए गए ताकि उन्हें अंदर तैनात एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया जा सके.

* कुछ लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया.
* लेकिन क्योंकि वहां सिर्फ दो एंबुलेंस थीं, कुछ को एंबुलेंस नहीं मिल पाई.
* जिन्हें एंबुलेंस नहीं मिली, उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने अपनी गोद में उठाकर अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की.
* सुरक्षा कर्मी उन्हें गोद में उठाकर मुख्य सड़क तक भागे ताकि वहां से कोई गाड़ी पकड़कर अस्पताल पहुंचा सकें.
* क्योंकि स्टेडियम के बाहर की सड़कें भी भीड़ से भरी थीं, इसलिए बेहोश लोगों को 500 मीटर तक गोद में उठाकर ले जाया गया ताकि सामान्य ट्रैफिक मिले और अस्पताल पहुंचाया जा सके.

मैं कैसे बचा?

हम भीड़ में फंस गए थे क्योंकि हमें गेट 13 की तरफ जाना था, जो हमारा एंट्री प्वाइंट था. जब हम गेट की तरफ बढ़े, तो वहां तीन तरह की भीड़ थी – एक भीड़ कब्बन पार्क से गेट 13 की तरफ जा रही थी, दूसरी भीड़ गेट 13 से गेट 1-2 की तरफ जा रही थी और तीसरी भीड़ सड़क पर खड़ी होकर चीख रही थी और डांस कर रही थी. एक वक्त ऐसा आया जब हमारा मूवमेंट कंट्रोल से बाहर हो गया और हम भीड़ को धकेलते हुए भीड़ के भंवर से बाहर निकल पाए. लेकिन कुछ लोग इससे बच नहीं पाए.



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