Rekha Gupta – 1 बेटा, 1 बेटी… जानें- दिल्ली की नई CM रेखा गुप्ता के परिवार में कौन-कौन – delhi new cm rekha gupta family bjp mla from shalimar bagh ntc
दिल्ली में रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. बुधवार को उनके नाम का ऐलान हो गया और अब 20 फरवरी को वह सीएम पद की शपथ लेंगी. रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा है. हरियाणा में जन्मी और दिल्ली में पली-बढ़ी रेखा बचपन से ही राजनीति में सक्रिय रहीं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और छात्र राजनीति में अहम भूमिका निभाई. भाजपा में शामिल होने के बाद वे सरकार और संगठन के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहीं.
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बावजूद, 2025 में उन्होंने शालीमार बाग सीट पर बड़ी जीत हासिल की. अब भाजपा ने उन्हें दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में चुना है, जिससे वे राजधानी में 26 साल बाद भाजपा के मुख्यमंत्री बनने वाली नेता बन गईं. उनका जीवन और करियर युवा नेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
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शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
रेखा का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय जय भगवान जिंदल और माता उर्मिला जिंदल हैं. एसबीआई बैंक में पिता की नौकरी लगने के बाद उनका परिवार 1976 में दिल्ली शिफ्ट हो गया था. हालांकि अब भी उनका परिवार जुलाना में कारोबार करता है. दिल्ली से सटे हरियाणा से ताल्लुक रखने की वजह से रेखा गुप्ता का अपने गृह राज्य में आना-जाना होता रहता है. रेखा गुप्ता की शादी दिल्ली के बिजनेसमैन मनीष गुप्ता से हुई है. उनके दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं.
आरएसएस से 32 साल तक जुड़ी रहीं गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. 1995-96 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और 1996-97 में इसकी अध्यक्ष रहीं. 2002 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव रहीं. रेखा गुप्ता ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भाजपा की महिला शाखा की प्रभारी के तौर पर भी काम किया है. वह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं.
2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुने जाने के बाद गुप्ता ने महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम किया. उन्होंने सुमेधा योजना जैसी पहल शुरू की, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद मिली. वह तीन बार पार्षद चुनी गईं – 2007-2012, 2012-17 और 2022-25 तक शालीमार बाग से. नगर निकाय की महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण अभियान का नेतृत्व किया.
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पार्षद से सीएम तक का सफर
-2007: उत्तर पीतमपुरा से पार्षद बनीं.
-2007-09: एमसीडी में महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की दो साल तक अध्यक्ष रहीं.
-2009: दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव रहीं.
-2010: भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य की जिम्मेदारी दी.
-2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में नहीं मिली थी सफलता
-रेखा गुप्ता को 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से चुनाव में उतारा गया.
-2015 में उन्हें आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने करीब 11 हजार वोटों से हराया तो वहीं 2020 में उनकी हार का अंतर 3400 वोट के करीब था.
-2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वंदना कुमारी को बड़े अंतर से हरा दिया. बुधवार को उन्हें सीएम पद के लिए चुना गया.
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कोई आपराधिक मामला नहीं
उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है, जिससे उनकी छवि एक ईमानदार और निष्ठावान नेता के रूप में उभरती है. दिल्ली विधानसभा में सदन की नेता के रूप में वह सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. साथ ही, वह मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली में चौथी भाजपा मुख्यमंत्री होंगी. शपथ ग्रहण के बाद, वह भाजपा द्वारा शासित किसी भी राज्य में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होंगी.
दिल्ली में 5 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में, गुप्ता ने शालीमार बाग सीट पर अपनी आप प्रतिद्वंद्वी बंदना कुमारी को 29,000 से अधिक मतों से हराया. वह 2015 और 2020 के चुनावों में कुमारी से सीट हार गई थीं. हाल ही में संपन्न 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 48 सीटों के साथ निर्णायक जीत हासिल की, जिससे राजधानी में AAP का एक दशक पुराना शासन समाप्त हो गया.