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Trump Tariff Impact: अमेरिका से चीन तक… ट्रंप टैरिफ का कहां और कैसा होगा असर? मूडीज ने रिपोर्ट जारी कर बताया – Trump Tariff Impact Moodys says US trade uncertainties to hurt business confidence and growth in Asia tutc


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के टैरिफ का चौतरफा असर देखने को मिल रहा है और दुनिया भर के शेयर बाजारों (Share Markets) में उथल-पुथल देखने को मिल रही है. इस बीच मूडीज रेटिंग एजेंसी ने टैरिफ के असर को लेकर रविवार को अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर उपभोक्ताओं के सेंटिमेंट को कमजोर करेगी, जिसका प्रतिकूल असर तमाम एशियाई देशों में देखने को मिलेगा. इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि Tariff का निगेटिव इम्पैक्ट अमेरिकी बाजारों (US Markets) और देश के लोगों पर भी पड़ेगा. 

ग्लोबल इकोनॉमी के लिए जोखिम
Moody’s Rating ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ 90 दिन या तीन महीने के लिए टाल दिया है, लेकिन चीन से तनाव में लगातार वृद्धि देखने को मिली है. इसके चलते ट्रेड वॉर बढ़ने पर मंदी (Recession) का खतरा मंडराने लगा है और इससे होने वाले प्रभाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) के लिए महत्वपूर्ण नकारात्मक जोखिम पैदा हो रहे हैं.

China में सुस्ती का एशिया में असर 
पीटीआई के मुताबिक, मूडीज रेटिंग्स की वरिष्ठ उपाध्यक्ष (क्रेडिट स्ट्रेटजी) निकी डांग ने कहा कि अमेरिका-चीन तनाव (US-China Tension) बढ़ने और चीन में सुस्ती की वजह से पड़ने वाले प्रभाव एशियाई क्षेत्र की वृद्धि की संभावनाओं के लिए निगेटिव रिस्क पैदा करते हैं. हालांकि, भारत जैसे बड़े घरेलू बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं को इन बाजारों तक पहुंच बनाने की इच्छुक कंपनियों से लाभ हो सकता है, लेकिन निवेश प्रवाह में कोई भी बड़ा बदलाव दिखने में कई वर्ष लग जाएंगे. 

मूडीज

ऐसे कम हो सकता है निगेटिव इम्पैक्ट
डांग के मुताबिक, ट्रंप की ओर से टैरिफ रोकने से क्षेत्र के व्यापार और ग्रोथ पर इसका अतिरिक्त नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य देशों पर जवाबी शुल्क को 90 दिन के लिए टाल दिया है. इससे चीनी अर्थव्यव्था में सुस्ती आ सकती है. चीनी निर्यात पर अतिरिक्त शुल्क (जो कि रोक में शामिल नहीं थे) चीन के विकास पर और दबाव डालने वाले साबित हो सकते हैं. इसके अलावा अमेरिकी व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता से घरेलू मांग और ग्रोथ की संभावनाएं कम हो सकती हैं.

भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया
Moody’s की एक अन्य कंपनी मूडीज एनालिटिक्स (Moody’s Analytics) ने बीते सप्ताह भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर अनुमान जाहिर किया था और कैलेंडर ईयर 2025 के लिए भारत की वृद्धि दर (India Growth Rate) के अपने पूर्वानुमान को घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले मूडीज एनालिटिक्स ने फरवरी 2025 में जारी किए गए अनुमान में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी. 



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